दाखिल खारिज की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए होगा एजेंसी का गठन, मोबाइल पर मिलेगी जानकारी – जानें पूरी प्रक्रिया

डेस्क : बिहार के लोगों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या यह चली आ रही है कि जब वह दाखिल खारिज के लिए अपने दस्तावेज जमा/अपलोड करते हैं तो उनको यह पता ही नहीं लगता कि आखिर किस वजह से उनका जमीन का दाखिल खारिज रुक गया है। आपको बता दें कि इस वक्त बिहार में 70% दाखिल खारिज अटके पड़े हैं।

लोग अपनी असमर्थता जाहिर कर रहे हैं क्योंकि उनको यह पता नहीं लगता कि आखिर किस वजह से उनका दाखिल खारिज पेंडिंग है। यह समस्या पिछले साल से शुरू हुई है और बढ़ती ही जा रही है इसकी और देखते हुए सरकार ने निश्चय किया है कि वह इस कार्य को संभालने के लिए एजेंसियों की मदद ले सकती है। निजी एजेंसियों को मदद के तहत एक कॉल सेंटर सर्विस तैयार करनी होगी। जिससे यह सहूलियत रहेगी कि सबसे पहले आवेदक अपने दाखिल खारिज को जमा करेंगे और जैसे यह जमा हो जाएगा तो उसको ऑनलाइन अंचल अधिकारी जांच पड़ताल के लिए लॉगिन करके चेक करेगा।

इससे होगा यह की अचल अधिकारी को आसानी से सभी दाखिल खारिज एक जगह पर मिल जाएंगे और वह अपने आगे की कार्यवाही कर पाएगा। लेकिन किसी वजह से यह रिजेक्ट हो जाता है तो आवेदक को कॉल सेंटर के जरिए फोन करके बता दिया जाएगा और इनके हेल्पलाइन नंबर भी मौजूद रहेगा। जिस पर सभी लोग कॉल करके अपनी सारी समस्याएं पूछ सकते हैं।

यह जो नई एजेंसी सरकार द्वारा गठित की जा रही है इनमें सभी सरकारी लोग और निजी लोग कार्य कर सकेंगे। इन एजेंसियों को 30 दिन के अंदर ढाई लाख तक दाखिल खारिज पूरे करने का आंकड़ा छूना होगा। एजेंसियों की मदद से लोगों को मोबाइल पर मैसेज के जरिए भी समय-समय पर सूचना दी जाएगी कि उनका दाखिल खारिज किस स्तर तक पहुंचा। इस प्रक्रिया के तहत अनेकों लोगों को रोजगार मिलने की भी संभावना है।