कृर्षि कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक लगाई रोक

डेस्क : कृषि कानून को लेकर सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी क्योंकि किसान बिल को लेकर, किसानों को सरकार पर भरोसा नहीं रहा जिस कारण वह दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले 2 महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने तीनों कृषि बिलों को वापस लेने की मांग की थी। वह काफी समय से यह चाह रहे थे कि सरकार इन कानूनों को वापिस ले यहां तक कि किसानों ने इन कानूनों को काला कानून तक घोषित कर दिया है।

वहीं दूसरी ओर सरकार ने भी साफ कर दिया था कि वह कानून वापस नहीं लेगी लेकिन हर तरह की उचित बातचीत करने के लिए किसान संगठनों से तैयार है। करीब आठ दौर की बातचीत में भी जब हल नहीं निकला तो किसानों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। अब सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि सरकार इन किसान बिल पर कोई भी कार्यवाही आगे ना करें। उसके लिए अलग से कमेटी तैयार की जाएगी और यह कमेटी पांच सदस्यों की होगी जिसमें हरसिमरत और कृषि विज्ञानी अशोक गुलाटी जैसे लोग शामिल होंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने इस कमेटी पर भरोसा जताया है लेकिन किसानों ने इस कमेटी के पास जाने से भी मना कर दिया। किसानों की इस हरकत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि जो भी लोग किसान कानूनों को लेकर समाधान चाहते हैं उनको इस कमेटी की ओर रुख करना होगा।

आपको बता दें कि फिलहाल तीनों किसान बिलों पर कानूनन रोक लगा दी गई है और इसका हल निकालने के लिए 5 सदस्य कमेटी बैठाई गई है। जो लोग किसान के अधिकारों को छीनने की बात कर रहे हैं वह इस कमेटी के पास जा सकते हैं और समस्या का हल पा सकते हैं। आपको बता दें कि दिल्ली में किसानों ने धरना प्रदर्शन चाहे दिन हो चाहे रात हो, चाहे बढ़ती ठंड हो या घटता पारा हो, अपना घर बार त्याग करके प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही कई किसानों ने अपनी जान भी गंवा दी है। इतना ही नहीं उम्र दराज किसान भी अपना गांव, घर, जमीन छोड़कर दिल्ली के सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं