बिहार की मंडी में जल्द धान की खरीददारी होगी चालू ,दाम में हुई बढोत्तरी, 53 रुपये प्रति क्विंटल बढ़े

डेस्क : इस बार बिहार में धान की खरीद जल्द चालू होने वाली है। बताया जा रहा है कि पिछली बार के मुकाबले इस बार जल्द ही मंडी एवं बाजारों में धान बिकना चालू हो जाएगा। इस बार 51000 किसानों ने निबंधन करवा लिया है और बताया जा रहा है की इस सप्ताह धान वितरण की प्रक्रिया चालू की जाएगी। आपको बता दें कि इस बार इसका दाम बढ़ गया है। यह दाम ₹53 प्रति क्विंटल बढ़ गया है और इसी के साथ जो कीमत 1815 रुपए बताई जा रही थी। वह अब 1868 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है।

हर साल यहां धान की खरीद 5 महीनों तक चलती है और यह खरीद 15 नवंबर से चालू की जाती है। ऐसे में इसको 30 मार्च तक निरंतरता के साथ सरकारी खरीद के हिसाब से राज्य में बेचा जाता है लेकिन इस बार देरी की वजह बिहार विधानसभा चुनाव रहे हैं। लेकिन। फिर भी मात्र 1 हफ्ते के भीतर ही आप सभी को धान मंडी में देखने को मिलेगा। इस बार किसानों की चिंता भी इतनी ज्यादा देखने को नहीं मिल रही है।

बता दें कि हर साल धान को खरीदते वक्त नमी का ध्यान रखा जाता है और सरकार शुरू से ही 17% तक की नमी वाले धान को ही खरीदती है लेकिन इस वक्त जब धान कि कटनी हो गई है तो 20% से कम की नमी देखने को नहीं मिलेगी ऐसे में देखना होगा कि इस बार नमी का धान की खरीदारी पर कितना असर पड़ता है।

हर साल सरकार का लक्ष्य रहता है कि वह राज्य में धान की खरीदी 30 लाख टन करेगी लेकिन किसी न किसी वजह से यह 20 लाख टन के ऊपर नहीं जा पाती है। बात करें अगर पिछले साल के आंकड़ों की तो उनके मुकाबले भी इस साल का आंकड़ा काफी गिर गया है। ऐसे में बात करें किसानों की तो उनकी गिनती तीन लाख तक होती है जो कि अपना धान सरकार को बेचते हैं। आंकड़ों के मुताबिक बात करें तो सबसे कम खरीदी धान की 2017 से लेकर 2018 और 2018 से लेकर 2019 के बीच रही, जहां सरकार 10 लाख से 15 लाख का आंकड़ा छू पाई है।अगर बात करें सबसे ज्यादा बिक्री की तो 2019 और 20 में 20 लाख टन का आंकड़ा पार करते हुए सरकार ने धान की खरीदी में एक बड़ा लक्ष्य हासिल किया था।

आप को फिर से बता दें कि इस बार 53 रुपए धान की कीमत बढ़ा दी गई है और अब यह कीमत 1815 से बढ़कर 1868 पहुंच गई है। ऐसे में किसान काफी खुश हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह काफी कम कीमत है इससे हमें ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। ऐसे में किसान सेना के अध्यक्ष सुदामा पांडे का कहना है कि सरकार को अलग से भी कुछ बोनस के नाम पर किसानों को देना चाहिए।