जमीन रजिस्ट्री में नहीं होगी परेशानी, बिहार में शुरू हुआ ऑनलाइन दाखिल खारिज और लगान वसूली

बिहार ऑनलाइन सिस्टम में गड़बड़ी पर सख्त राज्य सरकार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की विभागीय वेबसाइट की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों को सौंपी है। विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने खुद इसकी कमान संभाल ली है। उन्होंने सभी जिला समाहर्ताओं को विभागीय वेबसाइट की सतत निगरानी कर समस्या से विभाग को अवगत कराने का निर्देश दिया है। हालांकि, अपर समाहर्ता व भूमि सुधार उप-समाहर्ता भी वेबसाइट की निगरानी करेंगे और मुख्यालय को गड़बड़ी की जानकारी देंगे। विभाग इस आधार पर आगे की कार्रवाई करेगा।

पिछले दिनों साॅफ्टवेयर में आयी तकनीकी गड़बड़ी के कारण कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा थी। लिहाजा, विभाग ने इस समस्या को दूर करने के लिए युद्धस्तर पर कार्रवाई शुरू की है। आईटी प्रबंधक द्वारा इस संबंध में माइक्रोसाॅफ्ट के विशेषज्ञों की मदद ली गयी। इसके अलावा एनआईसी बिहार व झारखंड के तकनीकी पदाधिकारियों से भी विमर्श किया गया। उनके सुझाव के आधार पर ही तकनीकी समस्या दूर करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनायी गयी और डाटाबेस ट्यूनिग, 9 अतिरिक्त सर्वर का उपयोग व साॅफ्टवेयर सुधार की कार्रवाई पिछले दिनों की गयी।

3.56 करोड़ जमाबंदी ऑनलाइन:

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा राज्य के सभी 534 अंचलों के लगभग 3.56 करोड़ जमाबंदियों को ऑनलाइन करने के बाद पूरे राज्य में ऑनलाइन दाखिल-खारिज के साथ ऑनलाइन लगान की सुविधा सभी रैयतों को उपलब्ध करायी जा रही है। वर्तमान में कोई भी रैयत अपनी जमीन से संबंधित जानकारी दुनिया के किसी भी स्थान से प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त अधिकार अभिलेखों को कम्प्यूटराइज्ड कर आम जनता के अवलोकन हेतु विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित किया गया है।

22.43 लाख आवेदनाें में से 12.75 लाख का ही हुआ निष्पादन

ऑनलाइन सुविधा के बाद भी दाखिल-खारिज की रफ्तार सुस्त है। अबतक राज्य में ऑनलाइन दाखिल-खारिज के 22.43 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें 12.75 लाख आवेदनों का ही निष्पादन हो सका है। ऑनलाइन सिस्टम के बाद बड़ी संख्या में रैयतों ने भूमि के दाखिल-खारिज, राजस्व अभिलेखों में दर्ज विवरणी को अद्यतन करने का आवेदन दिया है। इसी तरह 61 लाख जमाबंदी की विवरणी में सुधार किया जा चुका है। ऑनलाइन सुविधा के बाद अबतक 15 लाख रैयतों द्वारा ऑनलाइन लगान जमा किया जा चुका है।