छठ महापर्व के महत्त्व को अब समझने लगे है अमेरिकी लोग, पोटोमैक नदी को बनाया छठ स्थल – जानें कैसे हुई शुरुआत

डेस्क : भारत के लोग विश्व के कोने-कोने में पहुँच चुके हैं। ऐसे में हमेशा से ही चर्चा में रहने वाला राज्य बिहार भी अब पीछे नहीं है। कई बिहार वासी विश्व के कोने-कोने में अपनी छाप छोड़ते नजर आ रहे हैं और साथ ही अपनी कला और संस्कृति को भी प्रचलित करते नजर आ रहे हैं। ऐसे में जहां एक ओर बिहार में जोर-शोर से और धूमधाम से छठ पर्व मनाया जा रहा है वहीं भारत में रह रहे दूर सात समंदर पार के लोग भी छठ पूजा के इस महापर्व को पूरे विधि विधान के साथ मनाते नजर आ रहे हैं।

ऐसे में पूरे विश्व में अब छठ मनाने वालों की संख्या बढ़ गई है आपको बता दें कि अमेरिका की एक नदी जिसका नाम है पोटोमैक नदी, यहां पर कम से कम 500 से ज्यादा भारतीय अमेरिकी मूल के लोग रहते हैं। ऐसा कहते हैं कि इन लोगों के पूर्वज कभी बिहार से अमेरिका आकर बस गए थे और तब से यह लोग यहां पर छठ पूजा मनाते हैं। इस छठ के महापर्व पर भारी संख्या में लोग पोटोमैक नदी में आते हैं, इकट्ठा होते हैं डुबकी लगाते हैं और उगते सूरज को अर्घ्य अर्पण करते हैं साथ ही महिलाएं भी रंग बिरंगी साड़ियां पहनकर पारंपरिक रीति-रिवाज से पूजा करती हैं।

ऐसे में यहां पर जो छठ का रीति रिवाज चालू हुआ है उसको लेकर एक बात काफी प्रचलित है। जिसमें एक दंपति नदी के किनारे बैठा हुआ था और उसने यह सोचा कि छठ को एक पारंपरिक तरीके से मनाया जाए और उन्होंने फैसला लिया कि वह इस नदी के पास ही छठ पूजा मनाएंगे। इसके लिए उनको अनुमति पार्क के अधिकारियों से मांगनी पड़ी। पहले तो अधिकारी नहीं माने लेकिन, जब वह अपनी जिद पर अड़े रहे तो अधिकारियों ने उनकी सुन ली और उनको अनुमति भी मिल गए अब यहां पर बड़े पैमाने पर छठ का महापर्व मनाया जाता है। ऐसे में छठ मनाने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है साथ ही दंपति की कोशिश है कि इस छठ की संस्कृति को विदेशी धरती पर भी स्थापित किया जाए।

जब सिंह ने लोगों से बातचीत की तो उन्होंने पाया कि उनकी बिरादरी के लोगों को छठ पूजा प्लास्टिक का टब खरीद कर उसमें पानी भर कर करनी पड़ रही है। जिससे काफी तकलीफ होती है और दिक्कतें सामने आती हैं। इस वजह से सिंह ने यह कदम उठाया और उन्होंने यह हौसला भी पाया कि इस समस्या को हथियार बनाकर वह मदद के लिए जायेंगे और तट किनारे बसे प्रशासनिक लोगों को अपनी समस्या बताएंगे। ऐसे में इन प्रशासनिक विभाग के लोगों ने उनकी समस्या को समझा और अनुमति दे दी। इस प्रक्रिया में उनका साथ लाउड काउंटी के लोगों ने बखूबी दिया।