डेस्क : इस बार की सरकार में पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के मंत्रियों की भरमार सरकार में है। इस समुदाय के लोगो ने भी अपने समुदाय के मंत्रियों को आगे आने का मौक़ा दिया है। चुनाव नतीजे आने के बाद सरकार अति पिछड़ा वर्ग को ख़ास अहमियत देती नजर आई । इससे यह साफ़ ज़ाहिर होता है की इस बार सरकार को पिछड़े वर्ग की चिंता है। रेनू देवी और तार किशोर प्रसाद के अलावा मुकेश सहनी, बिजेन्द्र प्रसाद यादव, रामसूरत राय, मेवालाल चौधरी और शीला मंडल हैं। इस बार हमेशा की तारह एनडीए के वोटरों को सवर्ण वोटर ही माना गया है। इस बार के 4 सवर्ण समुदाय में से 3 भाजपा के कोटे के मंत्री हैं।
मुख्यमंत्री नितीश कुमार का कार्यकाल भी पीछे नहीं रहा है। इस बार उनको पूरा सहारा राज्य की महिलाओं और युवाओं का मिला है। सात निश्चय के तहत महिलाओं के उद्यम की व्यवस्था को मजबूत और हितकारी बनाने का प्रयास है। युवाओं की शिक्षा को लेकर सोलर, ड्रोन तकनीक,ट्रांसफार्मर मैन्युफैक्चरिंग, आप्टिकल फाइबर एवं नेटवर्किंग शामिल हैं। यह सारे आधुनिक काम से स्पष्ट हो जाता है की बिहार को एक नए बिहार के रूप में देखने की इच्छा इस बार सरकार की है। आपको बता दें की जिन भी क्षेत्रों में युवाओं की सबसे ज्यादा ज़रुरत है उन क्षेत्रों में युवाओं को भेजा जाए इसका भरपूर प्रयास किया जाएगा। बुजर्गों और मरीजों की देखरेख के लिए केयर गिवर खोले जाएंगे। इन कामों का प्रशिक्षण दिया जाएगा और ऐसा मानना है की इन क्षेत्रों में काफी रोजगार मौजूद हैैं।