पश्चिम बंगाल की तरह पूरे बिहार में चलेंगी लोकल ट्रेनें, भारतीय रेलवे कर रही है तैयारी

डेस्क : लॉकडाउन के वक्त ट्रेनों की चर्चा बेहद ज्यादा हो रही थी। ऐसे में हर एक ने घर जाने की उम्मीद लगाई थी लेकिन बढ़ती महामारी के कारण और ट्रेनों के बंद रहने के कारण वह अपने घर नहीं जा सके। भारतीय रेलवे ने कम से कम 4 महीने के लिए संपूर्ण तरीके से रेलगाड़ियों को बंद कर रखा था। ऐसे में धीरे-धीरे करके जब महामारी कम होने लगी तो रेलगाड़ियों का परिचालन चालू हो गया और एक बार फिर से व्यवस्था पटरी पर आने लगी। लोगों की दिन पर दिन बढ़ती परेशानियों को देखते हुए बंगाल में लोकल ट्रेनें चलाई गई।

लोकल ट्रेन के चलने की वजह से लोगों को काफी सहूलियत मिली और अब इस तरह की सहूलियत बिहार के लोगों को भी देने की मंशा जताई जा रही है। बिहार में लोकल ट्रेनों का परिचालन चालू किया जाएगा। बिहार में दैनिक यात्री संघ ने लोकल ट्रेन की संख्या बढ़ाने की मांग उठाई है। ऐसे में संघ यह बखूबी समझता है कि हर दिन किस तरह से लोगों को अपने निजी कामकाज के लिए लंबे सफर में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह परेशानियां कम की जा सके इसलिए रेलवे मंत्रालय के आदेश पर पश्चिम बंगाल की तरह बिहार में लोकल ट्रेन चलाई जानी चाहिए ऐसी संघ की मांग है।

संघ के महासचिव नंदकिशोर प्रसाद का कहना है कि जो रोजमर्रा के व्यवसायिक लोग हैं – जैसे सब्जी,दूध बेचने वाले और फल बेचने वाले। इन लोगों को काफी ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और हफ्ते में या महीने में एक बार नहीं बल्कि यह कठिनाई उनको रोज झेलनी पड़ती है। इसलिए जिस तरह से पश्चिम बंगाल में सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तक और शाम 4:30 से 8:30 तक लोकल ट्रेन चलती है उसी प्रकार से बिहार में भी लोकल ट्रेनों का परिचालन किया जाना चाहिए। एक बहुत बड़ा वर्ग इस समस्या से उभर सकता है और वह अपना समय भी बचा सकता है उसी समय के भीतर वह ज्यादा आमदनी भी कमा सकता है एक लिहाज से गरीबी दूर करने के लिए यह बेहतरीन विकल्प हो सकता है।