एक झलक में जानें नई डिप्टी CM रेणु देवी का पूरा सियासी सफर

डेस्क : बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यहां पूर्ण रूप से स्पष्ट हो गया है कि बिहार की सत्ता में नीतीश कुमार की वापसी हो चुकी है और वही अब आने वाले 5 साल के लिए बिहार का कार्य राज्य संभालेंगे ऐसे में इस बार बिहार की राजनीति में परिवर्तन देखने को मिला है जहां पर उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य की तरह उपमुख्यमंत्रियों के दो चेहरे पेश करें हैं।

इस बार बेतिया विधानसभा से पांचवी बार विधायक बनी रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है बताया जा रहा है कि इसकी मुख्य वजह भाजपा की ओर से जातिगत समीकरण को नींव देने की है। और एक विशेष रणनीति के तहत भारतीय जनता पार्टी ने बिहार में दो उप मुख्यमंत्रियों का फार्मूला अपनाया है जिसके तहत कटिहार के विधायक किशोर प्रसाद को भी मौका मिला है कि वह भी अपनी योग्यता पूर्ण रूप से जनता के आगे समर्पित करें।

अगर बात करें रेणु देवी के बारे में तो उनके बारे में कुछ ऐसे तथ्य हैं जो किसी को पता नहीं है।

आपको बता दें कि पिछले 31 वर्षों से रेणु देवी भाजपा के साथ जुड़ी हुई हैं और वह बचपन से ही आर एस एस के साथ कार्यरत हैं। उनका जन्म 1959 में हुआ और वह पश्चिमी चंपारण जिला के बेतिया स्थान में। इनको सबसे पहले 1995 में भाजपा की नौतन विधानसभा से उम्मीदवार बनाया गया था। लेकिन, इस दौरान उनको हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद फिर उन्होंने 2000 में बाजी खेली और बेतिया से चुनाव लड़कर जीत हासिल की उसके बाद निरंतर वह बेतिया का प्रतिनिधित्व करती आ रही है।

उनके हुनर को देखकर जन लोकतांत्रिक दल ने 2007 में इनको कला और संस्कृति मंत्री की उपाधि दी। रेणु देवी का 2015 तक विधायकी करना अपने आप में एक अलग पहचान स्थापित करे हुए हैं। साथ ही वह कला और संस्कृति के मंत्री 2 साल तक रही हैं जिसमें उन्होंने एक अलग रूप से जनता के बीच छाप छोड़ी है। साल 2015 के चुनाव में वह कांग्रेसी नेता मदन मोहन तिवारी से चुनाव हार गई थी और अब 2020 में उन्होंने फिर से एक बार जीत हासिल करके भाजपा का परचम लहराया है। अपने इलाके से यह काफी आंतरिक तौर पर जुड़ी हुई है और लोगों के लिए हमेशा से ही विकास करती आ रही है इस बार उनको 18000 वोटों से जीत प्राप्त हुई है जिसके बाद उनको उपमुख्यमंत्री की जिम्मेवारी सौंपने का निर्णय किया गया है।

इस बार महिला को उपमुख्यमंत्री बनाने की जरूरत इस वजह से भी पड़ी क्योंकि बिहार के 2020 विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने काफी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। अगर महिलाओं के मिलजुल कर काम करने से बदलाव आता है तो ऐसे में रेणु देवी की एक अलग ही छवि जनता के आगे पेश होगी और इस बार यह पूर्ण रूप से साबित हुआ है कि महिलाओं ने अपना योगदान देकर बिहार को नया रूप देने के लिए पहल की है। आपको बता दें कि रेणु देवी अति पिछड़ा वर्ग से आती हैं जिसमें बिंद, नोनिया और मल्लाह जाति पर एक अच्छा प्रभाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में अब अति पिछड़े इलाकों में राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं।