बिल्ली के मोक्ष प्राप्ति हेतु किया अंतिम संस्कार, बेगूसराय के महंतो ने दी शिरकत – बिल्ली के नाम बनेगा ट्रस्ट

डेस्क : हिन्दू सनातन धर्म ने हर जानवर को अपनाया है। शायद यही कारण रहा है जब अनेकों आक्रान्ताएं आई लेकिन हिन्दू सनातन शुरू से ही सर झुकाने के बजाए काटता गया और सनातन हिन्दू आगे बढ़ता गया। हमने अनेकों दफा ऐसे उदाहरण देखें हैं जहाँ पर इस धरती के हर जानवरों ने मानव रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान किया है। हाल ही में बिहार के समस्तीपुर जिले में एक मंदिर के महंत ने अपनी 15 साल पुरानी बिल्ली का पूरे रीती रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया उनकी बिल्ली का नाम लुखिया था। लोग इस अनोखे पशु प्रेम की बातें कर रहे हैं।

डॉक्टर महंत का कहना है की एक रात भारी वर्षा हो रही थी। लुखिया की माँ उसको छोड़कर कहीं चली गई थी और लुखिया बारिश में भीग रही थी तब महंत उसको अपने मंदिर में लेकर आ गए थे। उसके बाद लुखिया मंदिर में ही बड़ी होने लगी। लुखिया की तब्यत 15 जनवरी को बेहद ज्यादा खराब हो गई थी और वह उसको पशु चिकित्सक के पास ले गए थे। चिकित्सक ने बताया की किस तरह से बिल्ली का रखरखाव करना है, लेकिन उसी रात बिल्ली ने दम तोड़ दिया। लुखिया के श्राद्ध में समस्ती पुर के साधू और बेगूसराय के साधू संत भी मौजूद थे।

जहाँ पर लुखिया बिल्ली को दफनाया गया है वहाँ पर लुखिया ट्रस्ट बनवाया जाएगा और हर शाम वहाँ दीपक भी जलाया जाता है। वह इस कार्य के तहत सभी बेजुबान जानवरो की रक्षा करेंगे। जिस भी लावारिस जानवर की रक्षा और सुरक्षा करनी होगी वह करेंगे। प्राथमिक चिकित्सा और सेवा का कार्य यहां किया जाएगा।