कोरोना का टीका लगवाने के लिए आम लोगो को भी करना होगा रजिस्ट्रेशन, ये सर्टिफिकेट है जरूरी

डेस्क : भारत ने कोरोना वैक्सीन की खोज कर ली है और कमी पड़ने पर दुसरे देशों से भी साठ गाँठ कर ली है अगर कल को ऐसी नौबत आ गई की भारत के लोगों के लिए वैक्सीन बाहर से मंगवाना पड़े तो उसके लिए भारत पूरी तरह से तैयार है। सबसे पहले यह वैक्सीन फ्रंट लाइन वर्कर्स यानि की जो कोरोना वारियर्स हैं जैसे पुलिस, डॉक्टर, नर्स और सफाई कर्मचारी इत्यादि को दिया जाएगा।

आम जनता को भी इस वक्सीनेशन के लिए पंजीकरण कराना होगा। 16 जनवरी से पहले यहां पर कई सरकारी केन्द्रो में कोरोना जांच चल रही है जिसमें सबसे पहले ग्राहक का नंबर लिया जाता है। उसके बाद ग्राहक को एक ओ टी पी आता है। फिर , उसको अपना नाम और उम्र बतानी होती है। अब एक टेस्ट ट्यूब दिया जाता है। इस टेस्ट ट्यूब को लेकर जांच करता के पास जाने पर जांच करता नाक और मुँह के जरिये कोरोना जांच करता है और कुछ दिन बाद रिपोर्ट मोबाइल पर मेसेज के जरिये मिल जाती है।

इस पूरी प्रक्रिया में पंजीकरण अनिवार्य है। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने इस पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ही COWIN एप्लीकेशन की मदद लेने का सुझाव दिया है। इससे एक जगह कोरोना का टीका लगवाने वालो की भीड़ नहीं बढ़ेगी और आसानी से सभी चरणों के कार्य पूरे हो जायेंगे और सरकार के पास भी यह जानकारी चली जाएगी की कितने लोगो को टीका लग चुका है। फिलहाल सरकारी आंकड़ों के हिसाब से देश में 3 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर मौजूद हैं।

टीका करण के वक्त आप आधार कार्ड, पैन कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटो वाली पासबुक, पेंशन दस्तावेज फोटो के साथ, एनपीआर के तहत जारी किया गया स्मार्ट कार्ड, सेवा पहचान पत्र, स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसद विधायक एमएलसी द्वारा जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रखें टीके के लिए एक टीके के बाद दुसरे टीके की तारिख मेसेज के जरिये आएगी। जब दोनों टीके पूरे हो जायेंगे तो डिजिटल सर्टिफिकेट बनकर तैयार हो जायेगा।