डेस्क : जिस तरह एक जंगल में दो शेर सुलह करके नहीं रह सकते और उनके बीच मन मुटाव रहता है उस ही तरह एक राज्य में 2 सरकारी पार्टियां भी सजग तरीके से काम करने में सक्षम नहीं होती। ऐसा ही हमको बिहार में देखने को मिल रहा है जहां पर दो पार्टियां सत्ता में है एक तरफ जेडीयू तो दूसरी तरफ भाजपा। दोनों पार्टियों के नेताओं में इस बात पर पेच फँस गया है कि आखिर मंत्रिमंडल में किस पद पर कौन मंत्री विराजेगा। मंत्रिमंडल पर मंत्रियों की सहमति बनती नहीं दिख रही है।
अब जनवरी का महीना खत्म हो चुका है लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो पाया है। बता दें कि पिछले दिनों नीतीश कुमार का यह बयान आया था कि मंत्रिमंडल के विस्तार के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से की जा रही है। JDU के नेता का कहना है की वह पूरे तैयार है। जब यह बात सीधा मंत्रियों से जाकर पूछी गई तो उन्होंने कहा किसी भी प्रकार की देरी नहीं है अब हाल ही में बजट पेश किया जाने वाला है और मंत्रिमंडल विस्तार भी जल्द देखने को मिलेगा।
दूसरी और भारतीय जनता पार्टी के नेता जयसवाल ने मीडिया पर सवाल उठाया और कहा है कि यह मीडिया के खास वर्ग के द्वारा किया गया कार्य है। इस कारण परेशानी हो रही है। दोनों नेताओं के बीच किसी भी तरह की असहमति नहीं है, यह सिर्फ मीडिया पर दिखाया जा रहा है जिस वजह से लोगों की धारणा बदली जा सके। लेकिन ऐसा नहीं होगा आपको बता दें कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद डॉक्टर संजय जयसवाल ने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सभी कयासों को खारिज किया।
इस वक्त बिहार सरकार में जेडीयू के पास 20 विभाग है और 21 भाजपा के विभाग है साथ ही वीआईपी पार्टी के पास एक विभाग है और हम पार्टी के पास दो विभाग हैं। नेताओं के बीच पूरी सहमति बनती नजर आ रही है जिसके चलते मंत्रिमंडल विस्तार में समय लग सकता है लेकिन दोनों पदों के शीर्ष नेताओं का कहना है कि जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार देखने को मिलेगा मंत्रियों ने कहा है कि फरवरी के शुरुआती महीने में हमें अलग-अलग पद पर नेता बैठे दिखेंगे।