बिहार: गंगा में मूर्ति विसर्जन पर लगेगा 50 हजार रुपये का जुर्माना, विसर्जन करने से पहले पढ़ ले ये खबर..

न्यूज डेस्क: देशभर में 15 अक्टूबर को धूमधाम से दुर्गा पूजा का पर्व मनाया जाएगा, 7 अक्टूबर से ही नवरात्र आरंभ हो चुका है। लेकिन इसी बीच आप लोगों को मूर्ति विसर्जन से जुड़े कुछ अपडेट्स बताने जा रहे हैं, क्योंकि सरकार ने गंगा को स्वच्छ रखने के लिए कई तरह की योजनाएं लाई है, किंतु सफल नहीं हो पाई है। खासकर, देशभर में मूर्ति विसर्जन से गंगा नदी पवित्र हो जाती है, इसी को लेकर इस बार प्रशासन ने एक नया मुहिम चलाई है, इसलिए इस खबर को ध्यान से पढ़ें।

बताते चलें कि त्योहार के सीजन में अधिकतर लोग गंगा या उससे जुड़ी किसी सहायक नदी में मूर्ति विसर्जन करने की सोच रहे होगे, तो आप लोग बिल्कुल ही सावधान हो जाइए! क्योंकि इसका परिणाम यह होगा की आपको 50 हजार रुपये का जुर्माना चुकाकर भुगतना करना पड़ सकता है। दरअसल, केंद्र सरकार ने गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण की बढ़ोतरी पर रोक लगाने के लिए राज्यों को 15 बिंदु वाला दिशा-निर्देश जारी किया है। जिसमें मूर्ति विसर्जन करने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना वसूलने का आदेश दिया गया है।

जानें-आदेश में क्या जारी किया गया: राष्ट्रीय क्लीन गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने दिशा-निर्देश 16 सितंबर को जारी किए थे। इनमें कहा गया था कि गंगा और उसकी सहायक नदियों में किसी भी तरह के मूर्ति विसर्जन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही गणेश चतुर्थी, विश्वकर्मा पूजा, दशहरा, दीपावली, छठ पूजा और सरस्वती पूजा आदि त्योहारों की समाप्ति के सात दिन के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट देने के आदेश भी राज्यों दिए गए हैं। अगर किसी ने ईन नियमों को तोड़ा तो मूर्ति विसर्जन करने पर पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 50 हजार रुपये का जुर्माना राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वसूलकर अपने पास जमा करेगा।

बता दे इन नियमों के अनुसार सभी जिलाधिकारियों को हर हाल में इन निर्देशों का पालन कराने के आदेश दिए गए हैं। गंगा व उसकी सहायक नदियों के सभी घाटों और मूर्ति विसर्जन में उपयोग किए जाने वाले स्थानों को चिह्नित कर इनकी अच्छी तरह बैरिकेडिंग के जरिए रोक लगाने को कहा गया है। नगर निगम क्षेत्रों में नदियों के किनारे मूर्ति विसर्जन के लिए अस्थायी तालाब की व्यवस्था करने का निर्देश भी दिए गए है।