बिहार सरकार ने जारी किये नए आदेश, निजी बोरिंग के लिए लगेगा लाइसेंस

डेस्क : इंसान और इंसान की आधुनिक तकनीक दिन पर दिन आगे की ओर बढ़ रही है, ऐसे में वह प्रकृति से जुड़े स्रोतों को खत्म करता जा रहा है और इसके प्रमाण भी दिख रहे हैं। धीरे-धीरे धरती से कुछ अहम तत्व खत्म हो रहे हैं, इस बात पर बिहार सरकार ने चिंता जताई है, आपको बता दें कि इस धरती पर जीवन शैली बनाए रखने के लिए जल बेहद अहम् है। बोरिंग कराने हेतु यह जल काफी मात्रा में खत्म हो रहा है। ऐसे में बिहार सरकार ने बोरिंग के खिलाफ एक तरकीब निकाली है।

अब जो परिवार बिहार में बोरिंग करवाना चाहता है उसको एक लाइसेंस लेना होगा। इस लाइसेंस के लिए नए नियम और कानून बनने जा रहे हैं। बिहार वासियों को जल्द ही बोरिंग करवाने पर लाइसेंस लेना होगा। जल्द ही बिहार वासियों को लाइसेंस से जुड़े नियम कानून देखने को मिलेंगे। जो लोग निजी बोरिंग करवाना चाहते हैं वह सरकार से अनुमति लेते नजर आएंगे, ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि जमीन के भीतर पानी की काफी ज्यादा कमी हो गई है। धरती के भीतर अब इतनी मात्रा में जल नहीं रह गया है कि वह पर्याप्त प्राणी की प्यास को बुझा सके और अब पानी केवल प्यास बुझाने ही नहीं बल्कि अन्य कार्यों में भी खर्च होता है।

पानी को लेकर लोग काफी लापरवाह हो गए हैं ऐसे में सरकार का यह कड़ा नियम लागू होने के बाद हो सकता है की लोग अपने ऊपर पानी की जिम्मेवारी को समझें। आपको बता दें कि अगर कोई भी बिना लाइसेंस के बोरिंग करवाता दिखेगा तो उसके ऊपर ₹50000 का चालान लगा दिया जाएगा। साथ ही उसके ऊपर कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी। यह नियम लघु जल संसाधन विभाग ने केंद्रीय ग्राउंड वाटर बोर्ड के साथ मिलकर तय किया है। ऐसे में फिलहाल सरकार उन सभी लोगों का डाटा तैयार कर रही है। जहां पर निजी बोरिंग की जरूरत है। सरकार यह जानकारी जुटाना चाहती है कि कौन से इलाके में किस प्रकार की बोरिंग की जरूरत है इसमें धरती के नीचे पानी कितने फीट पर मिलेगा और भी अन्य तरह की जानकारी सरकार अपने दस्तावेजों में रखेगी और जल्द ही नियम कायदे कानून को बिहार में लागू किया जाएगा।