चुनाव आयोग का बड़ा एक्शन, मुंगेर की एसपी लिपि सिंह और DM को हटाया गया

डेस्क : बिहार के मुंगेर जिले में काफी समय से गंभीर स्थिति बनी हुई है ऐसे में हाल ही में हुए दुर्गा मां विसर्जन के उग्र प्रदर्शन पर निर्वाचन आयोग ने बड़ी कार्यवाही करते हुए जिले के डीएम और एसपी को हटा दिया है। आपको बता दें कि मुंगेर के डीएम राजेश मीणा और एसपी लिपि सिंह को बर्खास्त कर दिया है। डीआईजी मनु महाराज के द्वारा बताया गया है कि चुनाव आयोग ने जैसे ही निर्देश दिया उस पर तत्कालीन एक्शन लेते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही चालू की गई है ऐसे में इस गोली कांड के भीतर भागलपुर और गया के उच्च स्तरीय अधिकारी बैठेंगे और जांच पड़ताल करेंगे।

आपको बता दें कि दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस द्वारा युवकों पर जो लाठी चलाई गई उससे जनता में काफी आक्रोश था पर ऐसे में बीते गुरुवार को सारी दुकानें एवं बाजार बंद कर दिए गए थे क्यूंकि दंगे भड़क सकते थे और नुक्सान ज्यादा होने की संभावना थी। कई सरकारी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया। फिलहाल आसपास के इलाकों में दुकानों को बंद रखने की अपील की गई है। मामला काफी गरम हो गया है जिसको लेकर शहर में प्रदर्शन किया जा रहा है। शहर के निवासी एसपी के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं और प्रदर्शन में शामिल जितने भी युवक थे उन्होंने एसपी कार्यालय के पास जाकर हंगामा भी किया एवं लिपि सिंह के खिलाफ नारेबाजी की। ऐसे में माहौल काफी गमगीन बना हुआ है।

आपको बता दें कि सोमवार को जब युवकों का दस्ता मां दुर्गा के विसर्जन के लिए जा रहा था तो उसके लिए निगरानी करने हेतु पुलिस भी मौजूद थी परंतु एकाएक पुलिस ने लोगों पर फायरिंग की और लाठियां चलानी चालू कर दी ऐसे में भीड़ उग्र हो गई और भीड़ ने जवाब के तौर पर पत्थर बरसाए और कुछ ही मिनटों में माहौल अफरा-तफरी का मच गया। ऐसे में पुलिस की फायरिंग के दौरान एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई और अनेकों लोग घायल हो गए थे घायलों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।

ऐसे में जब लिपि सिंह से पूछा गया कि आपकी क्या टिप्पणी है तो उनका कहना था कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस पर पथराव किया गया था और इस पथराव की वजह से 20 सुरक्षा बल गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। साथ ही एक एस एच ओ के स्तर के अधिकारी को भी सिर पर चोट आई है। वहीं दूसरी और पुलिस से बातचीत के दौरान यह खुलासा हुआ है कि मात्र 15 पुलिसकर्मियों की ही जानकारी मिल पाई है जिनके ऊपर पथराव हुआ है। आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से 1 दिन पहले यह घटना घटित हुई जिस कारण जनता में आक्रोश बढ़ गया वहीं दूसरी और नेताओं को भी मौका मिल गया अपने प्रतिनिधियों पर सियासी हमला करने का।