चुनाव से पहले त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को मिला सरकार की ओर से बड़ा तोहफ़ा

डेस्क : त्रिस्तरीय चुनाव के चलते सरकार ने बिहार में मौजूद सभी ग्राम पंचायतों को मोटी धनराशि दी है सरकार ने 1254 करोड़ रुपए त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव के लिए दिए हैं जिसमें 878 करोड रुपए ग्राम पंचायतों के लिए है, 250 करोड़ रुपए पंचायत समितियों के लिए है और 125 करोड़ रुपए जिला परिषदों के लिए तय किए गए हैं। इस धनराशि की मदद से संस्थाएं अपने तरीके से योजनाएं बनाएंगी और चुनाव के कार्यों को संपन्न करेंगी। आपको बता दें कि यह घोषणा वित्तीय वर्ष 2020-21 के द्वितीय किस्त के तौर पर हुई।

पन्द्रहवें वित्त आयोग की निधि का इस्तेमाल करने के लिए डिजिटल सिग्नेचर अनिवार्य होंगे। ऐसे में डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट भी जारी करने की व्यवस्था की गई है जिसके लिए कुल सिफारिश 5018 करोड़ रुपए की है। प्रथम किस्त के तौर पर 2509 करोड रुपए दिए जा चुके हैं और दूसरी किस्त में 1254 करोड रुपए दिए जाने बाकी है, जो कि कुछ ही दिन में पूरे हो जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ कर दिया है कि संविदा पर लड़ने वाले कौन से लोग हैं जो मुलाजिम चुनाव लड़ सकते हैं।

बता दें कि कमीशन के आधार पर काम करने वाले एजेंट सेवानिवृत्त सरकारी सेवक जन वितरण प्रणाली के लाइसेंस विक्रेता कार्यरत आरक्षक पंचायत जैसे लोग चुनाव लड़ सकते हैं। अगर बात करें सहायक सरकारी वकील एवं अपर लोक अभियोजक जो केवल शुल्क पर नियुक्त किए जाते हैं वह चुनाव लड़ सकते हैं। इस बार चुनाव होली के बाद होने जा रहे हैं और होली के बाद किसी भी वक्त घोषणा की जा सकती है कि ग्राम पंचायत के चुनाव कब होंगे। ऐसे में सभी मुखिया सतर्क हैं कि किस तरह से अपने ग्रामों में विकास कर रहे हैं। ग्राम पंचायत चुनाव का मकसद होता है पूरे ग्राम की व्यवस्था को सुनिश्चित करना, विधिवत अनुशासन लाना और न्याय दिलाना।