डेस्क : जैसे ही पहले चरण के चुनाव प्रचार खत्म हुए हैं वैसे ही नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप और प्रत्यारोप की झड़ी लगा दी है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि 20 महीने से तेजस्वी यादव अपने दल के एक दर्जन से ज्यादा मंत्रियों के साथ बिहार की सत्ता में रहे हैं उस वक्त बेरोजगारी की बातें क्यों नहीं करते थे ? क्या उन्हें चुनाव के दौरान ही यह मुद्दा उठाना था ? तेजस्वी यादव बताएं क्या वह रोजगार के मुद्दे को लेकर कभी नीतीश कुमार के पास आए ? कोई शुरुआत की ? उन्होंने कभी इस तरीके का प्रस्ताव नीतीश कुमार के आगे नहीं रखा।
इसके बाद गिरिराज सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव लालू का राजनीतिक विरासत पकड़े हुए हैं और आज नेता भी बन गए हैं परंतु लालू के गुनाहों की चर्चा कभी नहीं करते हैं। ऐसे में लालू के कार्यकाल के समय पर जो रंगदारी हुआ करती थी, अपहरण होते थे, लूट काट होती थी और पूरा जंगलराज हुआ करता था उस बात की कोई चर्चा ही नहीं होती है। अगर होती भी है तो उस पर से वह दुम दबाते भागते नजर आते हैं और क्यों आज के वक्त में लालू राबड़ी को अपने बैनर और पोस्टर से बेदखल कर दिया है।
इसके बाद गिरिराज सिंह ने तेजस्वी यादव को नसीहत के तौर पर सलाह दी कि तेजस्वी यादव सिर्फ 10 लाख नौकरी देने का जुमला पढ़ रहे हैं और इन जुमले से राजनीति नहीं होती कोरोना काल में एनडीए की डबल इंजन सरकार के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने गरीब जनता के लिए क्या नहीं किया घर-घर जाकर दूध राशन दवाई पहुंचाने का कार्य किया और इसमें कोई भी कंजूसी नहीं की।