राजद सुप्रीमो लालू यादव के दामाद ने राजनितिक मैदान में उतरकर की तेजस्वी की जमकर तारीफ

डेस्क : बिहार चुनाव में अनेकों राज्यों से बिहार की ओर कई नेता अब तक रुख कर चुके हैं। ऐसे में चाहे वह देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदेश हो या ना हो चाहे वह वित्त मंत्री हो या सांसद सभी ने कम से कम नहीं तो एक बार बिहार में आकर शिरकत की है। अपने बिहार में आने के बाद उन्होंने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों के लिए मतदान करने की गुहार लगाई है। ऐसे में राजद सुप्रीमो लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव जो कि इस वक्त हरियाणा के रेवाड़ी क्षेत्र से कांग्रेस विधायक है वह भी बिहार में प्रचार प्रसार करते नजर आ रहे हैं। जैसे ही दूसरे चरण के चुनाव का प्रचार प्रसार खत्म हुआ तो मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस बार बिहार में तेजस्वी यादव की सीट तय है और कोई शक नहीं कि उनके अलावा कोई बिहार की गद्दी पर बैठ जाए।

हम आपको बता दें कि लालू यादव की बेटी अनुष्का के प्रति चिरंजीव को पूरी राजनीति की सत्ता विरासत में प्राप्त हुई है उनका कहना है कि तेजस्वी अपने तेज से पूरे बिहार के बेरोजगारी का मुद्दा खत्म कर सकते हैं और साथ ही उनकी आकर्षक छवि युवाओं के बीच यह बयान करती है कि किस तरीके से युवा उनको पसंद करते हैं। इसके बाद उन्होंने राज्य के नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके पास इतिहास का हवाला देने की सिवा कुछ नहीं बचा है, जिसके दम पर वह चुनाव जीत सके। साथ ही वह कोई भी ऐसे मुद्दे अपनी जनसभाओं में उठाते नहीं नजर आ रहे हैं जिनसे उनके ऊपर सीधा सवाल दागा जाए।

चिरंजीव राव को पूरा भरोसा है कि बिहार में इस बार तेजस्वी यादव की सरकार आने वाली है आपको बता दें कि इस बार तेजस्वी की सरकार बनते ही सबसे पहले बेरोजगारी का मुद्दा बिहार में बिल्कुल खत्म हो जाएगा। उसके बाद अन्य जितनी भी सरकारी योजनाएं हैं उसका लाभ जनता तक पहुंचाया जाएगा। चाहे वह किसानों का मुद्दा हो चाहे वह बिजली का मुद्दा हो चाहे वह नल जल योजना हो और हर वह चीज जो बिहार में पिछले 15 वर्षों से अटकी हुई है उसको चालू किया जाएगा।

साथ ही जेडीयू और भाजपा के वादों ने बिहार की जनता के नाक में दम कर रखा है। वह हमेशा से ही चुनाव के मुद्दों से भटके हुए नजर आते हैं ऐसे में बिहार की जनता ने इस चुनाव के दौरान अपना मन बना लिया है कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्ता से बाहर फेंक देंगे साथ ही गठबंधन के दल बिलकुल मायने नहीं रखते हैं।