डेस्क : एनडीए में उठापटक जारी है इसी बीच मंगलवार को बीजेपी और जेडीयू के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सीटों के बंटवारे पर आधिकारिक रूप से मोहर लगाने का ऐलान करा है। हाल ही में बिहार एनडीए में जमकर बयानबाजी देखने को मिली थी जिसके बाद चिराग पासवान ने जेडीयू से अलग रहकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। उनका कहना है कि उनकी पार्टी लोजपा किसी भी हालत में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करेगी।
चिराग के विरोध करने के बाद से जेडीयू और बीजेपी के बीच के गठबंधन के साथ नीतीश कुमार के भविष्य को लेकर भी अलग-अलग तरह की लोग बातें करने लगे थे परंतु सोमवार को जेडीयू एवं बीजेपी के नेताओं द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद नीतीश कुमार ने राहत की सांस ली। बीजेपी के नेताओं की तरफ से मंगलवार को कम से कम एक दर्जन बार कहा गया कि नीतीश कुमार ही चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बनेंगे। यह बात बीजेपी के नेता काफी भली-भांति जानते हैं।इन सब बातों के बीच जो कार्यकर्त्ता है, उनके अंदर भ्रम का माहौल बनने वाला है जिसे दूर करने का प्रयास नेताओं का कुछ हद तक तो सफल रहा है परंतु ज्यादातर नासफल।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बातें खूब जोर शोर पर होती रही की चुनाव के बाद जितनी भी सीटें आएंगी मुख्यमंत्री तो नीतीश कुमार ही रहेंगे इसके बाद सुशील मोदी ने भी 5 बार इस बात को पीछे पीछे दोहराया कि मुख्यमंत्री तो नीतीश कुमार ही होंगे। इसके बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव ने भी एक बार कहा कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री का पद नीतीश कुमार को ही जाएगा वहीं एनडीए के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन से पहले संक्षिप्त बयान में बिहार के भाजपा अध्यक्ष संजय जयसवाल ने भी साफ करा कि एनडीए गठबंधन में वही रहेंगे जो नीतीश कुमार के साथ को स्वीकार करते हैं और संजय जयसवाल ने 6 बार इस बात को दोहराया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे।
बीजेपी के नेता सुशील मोदी का कहना है कि गठबंधन को तीन चौथाई सीटें अवश्य मिलेंगी और चुनाव के बाद किसी और की मदद की जरूरत नहीं होगी साथ ही सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे का गठबंधन के बाहर किसी भी अन्य दल को इस्तेमाल करने नहीं दिया जाएगा और ऐसा ना हो इसलिए चुनाव आयोग से भी लगातार बातचीत की जाएगी