विश्व तम्बाकू निषेध दिवस : तम्बाकू है खतरनाक, कोरोना काल मे तम्बाकू सेवन से कई गुणा बढ़ा है खतरा

बेगूसराय : 31 मई को विश्व भर में तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के मुताबिक तंबाकू वैश्विक महामारी कोरोना से भी खतरनाक है। तंबाकू से होने वाले कैंसर मरीजों की संख्‍या काफी तेजी से बढ़ रही है। एक सर्वे की माने तो आज तंबाकू का सेवन हर 40 सेकेंड पर एक जान ले रहा है। देश भर में 12 करोड़ लोग किसी ना किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं, जिसमें बिहार के आंकड़े भी काफी खतरनाक हैं। बिहार में तंबाकू का सर्वाधिक इस्तेमाल होता है, जहां एक चौथाई नई पीढ़ी तंबाकू के आदी हो चुके हैं और प्रतिवर्ष 1.68 लाख लोग तंबाकू के कारण कैंसर से मर जाते हैं।

देश में तंबाकू से हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत हो रही है। पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर देश में सर्वाधिक तंबाकू का सेवन बिहार में होता है। बिहार में 25.9 फ़ीसदी युवा तंबाकू का सेवन करते हैं। दुनिया में कैंसर का सबसे बड़ा कारण तंबाकू है। इसमें हर तीसरा व्यक्ति कैंसर का मरीज तंबाकू का सेवन करता है। वर्तमान में भारत में टीवी व एड्स से ज्यादा मरीज कैंसर के कारण मर रहे हैं। बिहार में तंबाकू के शौकीनों की संख्या घटी तो है लेकिन कैंसर रोगों की संख्या बढ़ी है। कारण है कि तंबाकू की गिरफ्त में शरीर को पूरी तरह शुद्ध होने में करीब 15 साल लगते हैं।

पूरे विश्व के लोग तंबाकू मुक्ति और स्वस्थ होने के लिए तंबाकू चबाने या धूम्रपान से होने वाली परेशानी और स्वास्थ्य जटिलता से लोगों को जागरूक बनाने के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा तंबाकू निषेध दिवस की शुरुआत की गई। इसे पहली बार 7 अप्रैल 1988 को डब्ल्यूएचओ के वर्षगांठ पर मनाया गया। बाद में हर साल 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। बताते चलें कि 31 मई को बेगूसराय के ग्लोकल हॉस्पिटल के द्वारा हर साल जागरूकता अभियान आयोजित किया जाता था, लेकिन इस वर्ष 31 मई को डिजिटल माध्यम से जागरूकता फैलाई जाएगी ।

खैनी कई हाथों की यात्रा करती है। सिगरेट भी लोग शेयर करते हैं। हुक्का भी कई लोगों के मुँह लगता है। इन कारणों से कोविड का खतरा कई गुना बढ़ जाता है, डॉ नीरज द बेगूसराय से बताते हैं, तम्बाकू में निकोटीन नामक एक रसायन होता है जो निगलने पर उपभोक्ता को “सुखद अहसास” देता है और परिणामस्वरूप दुनिया भर में कई लोग सदियों से इस पौधे के आदी रहे हैं।

तंबाकू उत्पाद पूरी तरह से या आंशिक रूप से तंबाकू के पत्ते को कच्चे माल के रूप में उपयोग करके बने होते हैं, जिनका उद्देश्य धूम्रपान, चूसना, चबाना या सांस के साथ खींचना होता है। सभी में अत्यधिक लत लगाने वाला मादक घटक, निकोटीन पाया जाता है।

तंबाकू का उपयोग कैंसर, फेफड़ों की बीमारियों और हृदय रोग सहित कई पुरानी बीमारियों के लिए मुख्य जोखिम कारकों में से एक है। इसके बावजूद, तंबाकू का सेवन दुनिया भर में आम है। कई देशों में तंबाकू के विज्ञापन को प्रतिबंधित करने वाले कानून बने हुए है। इन कानूनों द्वारा तंबाकू उत्पादों को खरीदने और उपयोग करने वाले लोगों को तथा लोग कहां धूम्रपान कर सकते हैं और कहां नहीं, इसे नियंत्रित किया जाता है।

उन्होंने तंबाकू और कोरोना के बीच अन्योन्याश्रित सम्बन्ध बताया

तम्बाकू और कोरोना : हर प्रकार का तम्बाकू, धूआँ रहित या धूआँ युक्त को लोगों द्वारा सेवन किया जाता है। अपने सामान्य दुष्प्रभाव के अलावा भी आज़ के समय मे धूम्रपान से खतरा और अधिक हो गया है। हम सभी ने देखा है कि सिगरेट या खैनी लोग बांट कर लेते है। खैनी कई हाथों की यात्रा करती है। सिगरेट भी लोग शेयर करते हैं। हुक्का भी कई लोगों के मुँह लगता है। इन कारणों से कोविड का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

इसके बचने के लिए निम्न उपाय और इलाज हैं

  1. तम्बाकू छोड़ें
  2. नियमित फेफड़े की जाँच करवाये । ( स्पायरो मैट्री जांच) 6 महीने पर
  3. ECG साल में 1 बार
  4. प्राणायाम
  5. नियमित टहलना
  6. खान पान का परहेज़

लॉक डाउन में ग्लोकल हॉस्पिटल बेगूसराय दे रहा नियमित सेवा एक रिपोर्ट की माने तो लॉक डाउन शुरू होने से लेकर 20 मई तक ग्लोकल बेगूसराय में 205 एमरजेंसी केस, 154 आईसीयू, 509 डायलेसिस, 10 न्यूरो सर्जरी, 67 लकवा , 31 कार्डिक केस, 86 किडनी एमरजेंसी के मरीज को सकुशलता पूर्वक स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराया गया । ग्लोकल बेगूसराय में अनवरत 24×7 सेवा मुहैया करवाया जा रहा है।