बंगलौर से बेगूसराय लौट रहे मजदूर की रेलगाड़ी में हुई मौत, शव को छोड़ साथी हुए फरार

न्यूज डेस्क : बेगूसराय के एक मजदूर की मौत कर्नाटक से गांव लौटने के क्रम में ट्रेन में ही हो गई। उक्त मजदूर जिले के खोदबंदपुर थाना क्षेत्र के दौलतपुर गांव का निवासी था । लौटने के क्रम में उसकी मौत ट्रेन में ही हो गयी । मौत होते ही उसके साथ लौट रहे साथी मौके से फरार हो गये । घटना की सूचना पाकर जीआरपी ने लाश को अपने कब्जे में लेकर उसका दाह संस्कार किया। मृतक मजदूर दौलतपुर पंचायत के वार्ड पांच निवासी स्व राजेन्द्र सहनी का 32 वर्षीय पुत्र विनोद कुमार सहनी था । घटना की सूचना मिलने पर परिजनों में कोहराम मच गया । जिसके बाद मृतक के छह वर्षीय पुत्र द्वारा पुतला बनाकर शव का दाह संस्कार किया गया ।

ये है पूरा मामला परिजनों ने बताया कि विनोद सहनी एक महिना पहले अपने घर से रोजी रोटी कमाने कर्नाटक गया था । वह समस्तीपुर जिला के खानपुर थाना क्षेत्र के चमरबद्धा गांव के मजदूर ठिकेदार रामलाल यादव के साथ बंगलौर गया था। गांव के अन्य मजदूर भी उसके साथ गये थे । बंगलौर में विनोद की तबीयत खराब हो गयी । वह एक जून को वापस गांव आने के लिए ट्रेन में बैठा। उसके साथ समस्तीपुर जिला के रोसड़ा थाना अंतर्गत रहुआ गांव के पांच मजदूर साथी भी थे। रास्ते में सिकंदराबाद रेलवे जंक्शन पर विनोद ने अपने साथियों के साथ ट्रेन बदल लिया। वह सिकंदराबाद दरभंगा एक्सप्रेस में चढ़ गया।

ट्रेन में बैठते ही उसकी तबीयत काफी बिगड़ गयी और देखते ही देखते उसके प्राण पंखेरू हो गये। विनोद की मौत होते ही उसके सभी साथी मौके से फरार हो गया। किसी ने भी इस घटना की सूचना विनोद के परिजनों को नहीं दिया। जब विनोद घर नहीं पहुंचा, तो उसके परिजन परेशान हो गये.इसी बीच मजदूर ठेकेदार राम लाल यादव ने किसी अन्य लोगों के माध्यम से घटना की सूचना मृतक के परिजनों तक पहुंचाया। घटना की जानकारी होते ही मृतक के परिजनों में कोहराम मच गया।परिजनों ने बताया कि अत्यंत गरीब होने के कारण विनोद का शव सिकंदराबाद से लाना उन लोगों के लिए संभव नहीं हुआ। इस परिस्थिति को देखते हुए हिंदू रीति रिवाज के साथ मृतक के शव का पुतला बनाकर दौलतपुर में उसकी अंतिम क्रिया की गयी।।

छह वर्षीय पुत्र ने किया अंतिम संस्कार मृतक के छह वर्षीय पुत्र विनीत कुमार ने अग्नि संस्कार किया । मिली जानकारी के अनुसार मृतक को चार छोटे-छोटे बच्चे हैं। जिसमें तीन पुत्र और एक पुत्री शामिल हैं। विनोद की मौत से उसकी पत्नी अनीता देवी एवं मां कलवा देवी रो-रो कर पागल सी हो गयी है। विनोद अपने घर का एक मात्र कमाऊ सदस्य था।।उसके चार छोटे-छोटे बच्चों के सर से पिता का साया उठ चुका है बंगलुरु से विनोद के साथ चले उसके पांच साथी रास्ते से ही गायब हो गये। जो अभी तक अपने गांव नहीं आये हैं। विनोद के साथियों के इस अमानवीय व्यवहार से लोग तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं।