बेगूसराय : बहुमुखी प्रतिभा के धनी मुचकुंद कुमार मोनू के असामयिक निधन से शोक की लहर

न्यूज डेस्क : बेगूसराय जिला के प्रखर युवा आलोचक, शिक्षक और दिनकर पुस्तकालय सिमरिया के सचिव मुचकुंद कुमार मोनू का असामयिक निधन सोमवार को अहले सुबह हो गया। उनके निधन की खबर सुनकर जिले के साहित्यकार, रंगकर्मी व प्रगतिशील विचारधारा के बुद्धिजीवी शोक में डूब गए। सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा।

वे विगत दो दिनों से पीएमसीएच पटना में भर्ती थे। विदित हो कि 37 वर्षीय मोनू पिछले 15 दिनों से बुखार व खांसी से पीड़ित थे। कोविड 19 का लक्षण दिखने और गंभीर रूप से बीमार होने पर 15 अप्रैल को वे बेगूसराय के निजी क्लीनिक में भर्ती हुए जहां से बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच पटना में भर्ती कराया गया जहां वे जिंदगी की जंग हार गए। उनका अंतिम संस्कार सिमरिया गंगा तट पर किया गया। मुखाग्नि उनके ज्येष्ठ भ्राता सोनू कुमार ने दिया। मौके पर सिमरिया व आसपास के लोग गंगा तट पर मौजूद थे।

सांस्कृतिक आयोजनों के नेतृत्वकर्ता थे मोनू मुचकुंद कुमार मोनू पिछले सात सालों से दिनकर पुस्तकालय के सचिव पर आसीन थे। वर्ष 2003 में कला संस्कृति की जनपक्षीय संस्था प्रतिबिंब से जुड़े और सचिव बनकर सांगठनिक मजबूती प्रदान किया साथ ही सांस्कृतिक गतिविधियों को तेज करते हुए जनपद में अपनी एक अलग पहचान बनाई। वहीं वर्ष 2006 में राष्ट्रीय जनमुक्ति पत्रिका में सहायक संपादक के तौर पर लेखन व संपादन का कार्य किया।

विगत 15 वर्षों से दिनकर पुस्तकालय सिमरिया से सक्रिय रूप से जुड़कर राष्ट्रीय स्तर पर हर साल सांस्कृतिक व साहित्यिक आयोजन का नेतृत्व कर दिनकर साहित्य का प्रचार प्रसार करते रहे। सिमरिया को साहित्यिक तीर्थभूमि बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई। दिनकर जयंती पर हर वर्ष प्रकाशित स्मारिका का संपादन विगत 10 वर्षों से किया। वर्तमान में वे एचएफसी डीएवी में शिक्षक के तौर पर कार्यरत थे। उनका असमय चला जाना सिमरिया और दिनकर पुस्तकालय के लिए अपूरणीय क्षति है। दिनकर पुस्तकालय परिवार की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी गयी ।