1 मई को ही क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस? जाने क्या है इसका इतिहास और महत्व

डेस्क : हम सभी जानते हैं 1 मई उन लोगों के नाम समर्पित है जिन्होंने अपने खून पसीने से देश और दुनिया के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत में मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई 1923 से शुरू हुई थी. इस दौरान सभी संस्थान बंद रखने का सख्त निर्देश भी दिया गया था। आखिर क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस किसी भी देश, समाज, संस्था और उद्योगों में मजदूरों कामगारों और मेहनतकशो का योगदान अतुलनीय है. मजदूरों और कामगारों की मेहनत और लगन की बदौलत ही आज पूरी दुनिया भर में देश से हर क्षेत्र में विकास कर रहा है. भारत में मजदूर दिवस कामकाजी लोगों के सम्मान के लिए मनाया जाता है।

मजदूर दिवस का इतिहास 1877 में मजदूरों ने अपने काम के घंटे तय करने की मांग अपनी मांग को लेकर एक आंदोलन शुरू किया था जिसके बाद 1 मई 886 को पूरे अमेरिका में लाखों मजदूरों ने एकजुट होकर इस मुद्दे को लेकर हड़ताल कर दिया था. इस हड़ताल में लगभग 11हजार फैक्ट्रियां के 3 लाख 80हज़ार मजदूर भी शामिल थे. इस हड़ताल के बाद साल 1889 में पेरिस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय महासभा की दूसरी बैठक में फ्रेंच क्रांति को ध्यान में रखते हुए एक प्रस्ताव पास किया गया. इस प्रस्ताव में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाए जाने की बात स्वीकार की गई. इस प्रस्ताव के पास होते ही अमेरिका में सिर्फ 8 घंटे काम करने की इजाजत दे दी गई तब से दुनिया करीब 80 देशों में मजदूर दिवस को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाने लगा। भारत में मजदूर दिवस इसकी शुरुआत भारतीय मजदूर किसान पार्टी के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेट्यार ने शुरू की थी. भारत में मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत सबसे पहले चेन्नई में 1 मई 1923 को हुई थी. उस समय उसको मद्रास दिवस के तौर पर प्रमाणित कर दिया गया था।

मजदूर दिवस का महत्व भारत में मजदूर दिवस का विशेष महत्व है उन लोगों के नाम है जो इस दुनिया के विकास की रीढ़ है. यह दिवस याद दिलाता है कि अगर मजदूर ना होते तो आधुनिकता की चमक पर हम गर्व महसूस कर रहे हैं उसका अस्तित्व ही नहीं होता. यह विकास,संपन्नता और ऐसो-आराम मजदूरों की ही देन हैं. ऐसे में हमे मजदूर दिवस के बहाने इन मजदूरों को दिल से धन्यवाद करना चाहिए। कैसे मनाया जाता है मजदूर दिवस के दिन विभिन्न श्रम संगठन अपने सदस्यों के साथ अपनी मांगों को लेकर अपने अधिकारों के प्रति आवाज उठाने के लिए इस दिन को मुफीद माना जाता है। इसके अलावा मजदूर दिवस के दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।