नदी से बांध तक पानी ही पानी गाँव बालों में कोरोना पर भारी पड़ रहा बाढ़ का डर

बेगूसराय : बूढ़ी गंडक नदी से बाँध तक लबालब भरे पानी से तटबन्ध के किनारे बसे हुए गावों के लोगों में डर एवं दहशत व्यपात है। नदी के दोनों तरफ बसे हुए गावों के लोग रात और दिन तटबन्ध के तरफ भौतिक व मौखिक रूप से रुख करके जीने को विवश हैं। बाढ़ विभाग ने बीते दो दिन में दर्जनों जगहों से रिसाव और कटाव की सूचना के बीच फ्लड फ़ायटिंग कर हालात काबू में किया हुआ है। वावजूद लोगों में भय कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बाढ़ नियंत्रण विभाग ने हालात पूर्णतः काबू में होने का दावा किया है।

मंझौल अनुमंडल क्षेत्र में बना हुआ है बाढ़ का खतरा मंझौल अनुमंडल के खोदबन्दपुर प्रखण्ड से लेकर बखरी अनुमंडल के पूर्वी छोड़ तक दर्जनों जगहों से रुक रुक रिसाव जारी है। वही अनुमंडल मुख्यालय के सिवरी , पबरा , काजीचक , बसौना आदि जगहों से एकसाथ बीते तीन दिनों में हुए रिसाव से अनुमंडल मुख्यालय पर भी बाढ़ का खतरा व्याप्त है। अनुमंडल मुख्ययालय के उक्त जगहों पर फ्लड फ़ायटिंग में लगे जेई सन्तोष कुमार ने बताया कि अभी वस्तुस्थिति सामान्य है। लोगों को अफवाह के बजाय स्त्यता समझने की जरूरत है। कहीं से भी कोई दिक्कत नहीं है।

बताते चलें कि पानी के रिकॉर्डतोड़ वृद्धि से विभाग और संवेदकों के पसीने छुटे हुए हैं फ्लड फ़ायटिंग के दरम्यान कंट्रोल होने पर अन्यत्र रिसाव होने लगता है। शनिवार और रविवार को रोसड़ा बाढ़ प्रमंडल और बेगूसराय बाढ़ प्रमंडल के दर्जनों नये जगहों से रिसाव हुआ लेकिन फ्लड फ़ायटिंग कर उक्त सभी जगहों तक फिलवक्त हालात काबू में कर लिए गए हैं।

बाढ़ के पानी से पहले कोरोना के फैलने का डर कोरोना काल में लोग में बाढ़ के डर और पानी देखने की उत्सुकता के बीच शाररिक दूरी का पालन और मास्क लगाने की प्रतिबद्धता की कमी दिख रही है, जिससे बाढ़ के पानी फैलने से पहले कोरोना का डर बुद्धिजीवियों को सताने लगा है। आलम यह है कि पान मसाले, चॉकलेट , बिस्कुट आदि चीजो की मंझौल के ग्रामीण क्षेत्र मे इन दिनों तटबन्ध पर दुकान भी खुल गए हैं जहां मेले समान माहौल बने रहते हैं, राम सेवक सिंह , रामज्ञान महतो , जीवेश कुमार आदि लोगों ने बताया लोगों के द्वारा मास्क नहीं लगाना और शरीरिक दूरी की धज्जियां उड़ाना कहीं महंगा ना पर जाए, क्योंकि मंझौल में अबतक कई अलग अलग जगहों से कोरोना के मामले आये हैं। फिर भी ये बेफिक्री घातक ना साबित हो जाये। तटबन्ध के किनारे और अगल बगल गावों के सैकड़ों महिला, पुरुष , बच्चे , नौजवान, बुजुर्ग आदि लोगों का आना जाना अनवरत जारी है।