छौड़ाही : जिले के छौड़ाही सहायक थाना के पुलिसकर्मियों द्वारा बाजितपुर के ग्रामीणों की बेरहमी से पिटाई में 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। दर्जनों लोगों को गंभीर रूप से चोटिल भी हो गए हैं। सभी घायलों का इलाज पीएचसी खोदावंदपुर, अनुमंडल अस्पताल रोसड़ा एवं अन्य जगहों पर चल रहा है। यह घटना बाजितपुर भूमि विवाद में हुए खूनी संघर्ष मामले के आरोपित व्यक्ति के बदले दूसरे घर में प्रवेश कर रही पुलिस का विरोध करने पर हुआ । पीएचसी खोदावंदपुर में इलाजरत छौड़ाही ओपी क्षेत्र के बटराहा बाजितपुर निवासी रेणु देवी, शांति देवी, मंजू देवी, रिंपल देवी, शोभाकांत यादव, अमरना पासवान, आदि लोगों में से किसी का हाथ टूटा है तो किसी का पैर।
इन घायलों का कहना था कि रविवार की भोर छौड़ाही ओपी अध्यक्ष ओमप्रकाश अन्य पुलिसकर्मियों के साथ गांव पहुंचे। वह बाजितपुर भूमि विवाद से संबंधित मामले के आरोपितों की खोज कर रहे थे। उनके साथ एक भी महिला पुलिस नहीं था। पुलिस जब आरोपित के बदले एक एक घर की तलाशी लेने लगी तो महिलाओं ने महिला पुलिस लाने के बाद तलाशी लेने की बात कही। घायलों का कहना है कि ओपी अध्यक्ष शराब के नशे में धुत थे। ओपी अध्यक्ष ने सपरिवार दिल्ली में रह रहे रविन्द्र यादव का तालाबंद दरवाजा तोड़ डाला।
वहीं घर के बाहर सो रही गर्भवती सीता कुमारी, छोटे छोटे बच्चे स्वेताप्रिया, रिदम दिव्यांशु कुमार एवं श्रुति प्रिया ने दरबाजा तोड़ने का विरोध किया तो ओपी अध्यक्ष ने बेरहमी से पीट दिया। इसके बाद पुलिस अंधाधुंध लाठी चला लोगों को बेरहमी से पिटाई कर दी। गर्भवती महिला और बच्चे काफी देर तक बेहोश रहे। पुलिस भूसकार एवं खेत में छुपे महिलाओं तक को खोज खोज कर बेरहमी से पिटाई कर रही थी। ग्रामीण जब पुलिस का प्रतिकार करने लगे तो पुलिस दो लोगों को वहां से वाहन मे बैठा निकलने में कामयाब रही। हिरासत में लिए गए दोनों व्यक्ति किसी मामले के आरोपित नहीं हैं।
इस संबंध में छौड़ाही ओपी अध्यक्ष ओमप्रकाश पुलिस द्वारा पिटाई करने की बात से इनकार किया है। । उन्होंने कहा कि नामजद आरोपित को गिरफ्तार करने के दौरान दौड़ भाग में चोट चपेट लगी होगी। मामले की जांच पड़ताल कर रहे हैं। कहा हिरासत में लिए गए लोगो का सत्यापन करवा रहे हैं।