नीलगाय से परेशान किसानों ने मुखिया संघ महासचिव से की फरियाद

प्रखण्ड क्षेत्र अन्तर्गत सभी पंचायतों में नीलगाय से किसान परेशान।नीलगाय और जंगली जानवरों के उत्पात से सभी किसान परेशान।विदित हो कि नीलगाय और जंगली जानवरों से निजात दिलाने के लिए कई वार किसानों ने धरना प्रदर्शन के माध्यम से तथा लिखित रूप से सरकार से मांग भी की।लेकिन किसानों को कोई लाभ नहीं मिल सका।नीलगाय का झुंड जब खेतों की ओर निकलता है, तो समझ लीजिए हरे भरे कई खेतों पर एक साथ दर्जनों की संख्या में टूटकर फसलों को बर्बाद कर देता है।

इन दिनों रबी फसल के रूप में गेंहू, मक्का,आलू, टमाटर, बैंगन तथा अन्य प्रकार की सब्जियों और फसलों पर एक साथ कहर बनकर टूटता है।किसानों के द्वारा अपने खेतों को सुरक्षित करने के लिए कांटेदार तार,जाल से घेरने का प्रयास किया जाता है।कई किसान उँचा पुतला बनाकर तो कई किसान टीन बजाकर, तो कोई पटाखों की आवाज से नीलगाय के झुंड को भगाने का असफल प्रयास करते रहते हैं।किसानों की क्षति का आंकलन करना बड़ा कठिन कार्य है।कभी मौसम की मार,कभी अत्यधिक बरसात,कभी जंगली सुअर तो कभी बंदरों के झुंड के आतंक से किसानों को रूबरू होना पड़ता है।

संघ के महासचिव,प्रखंड अध्यक्ष और नावकोठी के ग्राम प्रधान राष्ट्रपति कुमार विड्डू से मिलकर किसानों ने नीलगाय (लीलबकरी) से रक्षा की गुहार लगाई है।रामचरित्र प्रसाद सिंह, चितरंजन प्रसाद सिंह, बृजेश कुमार, पैक्स अध्यक्ष संजय कुमार, महेंद्र प्रसाद सिंह, मनोज कुमार सिंह, कन्हैया कुमार,विशु कुमार, राजीव कुमार सिंह शिव कुमार सिंह सहित अन्य किसानों ने बताया कि नीलगाय तथा अन्य जानवर जो फसलों को नुकसान करते हैं,उनकी संख्या काफी बढ़ गयी है।

ग्राम प्रधान ने सभी कृषकों को नीलगाय से निजात दिलाने की मांग को जिला पदाधिकारी बेगूसराय तक पहुंचाने की बात की और उन्होंने कहा कि आप लोगों की मांग जायज है, इसलिए आप की मांग पर कार्रवाई करवाने का प्रयास करूंगा।उन्होंने सरकार तथा प्रशासन से मांग किया है कि फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले जानवरों से निजात दिलाया जाय और जानवरों के द्वारा क्षति का आंकलन कर किसानों को फसल क्षति का मुआवजा दिया जाय।