डेस्क : इस वक्त की बड़ी खबर बलिया थाना क्षेत्र अंतर्गत हुसैना गांव के समीप बड़ी बलिया से आ रही है। जहां पानी से भरे गड्ढे में अनियंत्रित ट्रैक्टर पलटने के क्रम मे बिजली के तार से स्पर्श होने से एक मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई। खैर, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है की मृतक की मौत पानी से भरे गड्ढे में डूबकर हुई है, या करंट लगने से या फिर ट्रैक्टर के डाला से दबकर हुई है। यह जांच के बाद ही सामने आऐगा।
घटना गुरुवार की सुबह तकरीबन 3:00 घाटी घटना के करीब आधे घंटे के बाद स्थानीय लोगों के द्वारा बिजली विभाग को सूचित करने का अथक प्रयास किया गया। लेकिन किसी भी अधिकारी के द्वारा फोन नहीं उठाया गया। तब अंत में स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा पावर हाउस बलिया पहुंचकर लाइन को शटडाउन लिया गया। जिसके बाद किसी तरह मृतक मजदूर के शव को गड्ढे से बाहर निकाला गया।
मृतक एवं उसकी पत्नी बटाई पर खेती कर जीवन यापन करते थे बीती रात में ही गेहूं फसल की दौनी के बाद अनाज लेकर ट्रैक्टर से अपने गांव बरबीघी आ रहे थे। बताया जाता है कि ट्रैक्टर के ड्राइवर को नींद का झपकी आने के कारण ट्रैक्टर गड्ढे में पलट गया जिसमें सरयु महतो के 36 वर्षीय पुत्र रामनंदन महतो की बिजली की तार 440 करंट के चपेट में आने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई। उक्त घटना में मृतक की 30 वर्षीय पत्नी रिंकू देवी भी गंभीर रूप से घायल हो गई। जिसे इलाज के लिए बलिया पीएससी ले जाया गया। जहाँ मामला अत्यंत गंभीर होने के कारण बेगूसराय सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया है। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया है।
इस बर्बरता घटना को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों में आक्रोश स्थानीय हुसैना गांव के लोगों में एवं जनप्रतिनिधियों में काफी इस बात को लेकर आक्रोश था कि घटना घटने के बाद बिजली काटने के लिए पावर हाउस में फोन लगाकर सूचना देने का प्रयास किया गया। परंतु पावर हाउस के ऑपरेटरों के द्वारा फोन नहीं उठाया जाने से लोगों में काफी बिजली विभाग के प्रति नाराजगी जताई जा रही है। लोगों का कहना है कि कभी भी यह लोग फोन इमरजेंसी में भी नहीं उठाते हैं। जिससे घटना घट जाती है। ट्रैक्टर का ड्राइवर घटनास्थल पर से ही ट्रैक्टर को छोड़कर फरार हो गया है। जिसकी तलाश बलिया पुलिस के द्वारा की जा रही है। घटना की सूचना मिलते ही पड़ोस के पंचायत सालेह चक के मुखिया फैजुर रहमान, जदयू नेता मृत्युंजय कुमार समेत दर्जनों लोग घटनास्थल पर पहुंचकर मदद करने के लिए पहुंच गए थे।