बेगूसराय में वर्षों से बंद पड़ा है यह ऑक्सीजन फैक्ट्री, खुल जाए तो रोजगार व ऑक्सीजन दोनों एंगल से महत्वपूर्ण

तेघड़ा/बेगूसराय : तेघड़ा प्रखंड अंतर्गत बरौनी के फुलवरिया बाजार स्थित तारा अड्डा में पश्चिम बंगाल की एक निजी कंपनी जो विभिन्न प्रकार के गैसों का निर्माण करती थी ।उसके मदद से 1960- 70 ई0के दशक में एक गैस बनाने वाली निजी कंपनी स्थापित की गई। शुरुआती दौर में यह कंपनी काफी चरमोत्कर्ष पर रही और अपने विकास के रफ्तार में आगे बढ़ी,लेकिन कुछ दिनों के बाद ही वहां पर लगातार स्थानीय नेताओं के द्वारा विभिन्न प्रकार के मांगों को लेकर दिन-प्रतिदिन धरना हड़ताल शुरू हो गया, जिसके बाद से कुछ ही वर्षों में फैक्ट्री की स्थिति काफी दयनीय हो गई और वह फैक्ट्री जो लगभग उत्तरी बिहार के दर्जनों जिलों में ऑक्सीजन का सप्लाई करती थी धीरे-धीरे सिमटना शुरू हो गया ।राजनीतिक दबाव बढ़ा और फैक्ट्री बंद हो गई,।

पुनः जब कारखाना के प्रबंधकों ने एक बार फिर से प्रयास करके 1980-82 ई0 के आस-पास चलाना प्रारंभ किया तो ,बिहार सरकार ने यह कहा कि उसका बिजली काट लिया कि आपका बिजली का बिल काफी अधिक हो गया है और ,उसे आपने भुगतान नहीं किया है .आपको कई बार नोटिस भी दिया गया और उसके बाद अब तक वह फैक्ट्री बंद पड़ा है .जब हम लोग वहां पहुंचे तो फैक्ट्री के प्रबंधक ने बताया कि हम इस फैक्ट्री के प्रारंभ से आज तक इसमें बतौर कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं ,प्रारंभ में जिस प्रकार हम लोगों ने यहां काम शुरू किया था .उस समय तीन से चार हजार मजदूरी यहां काम करते थे ,लेकिन अब मात्र दो कर्मचारी बच गए हैं और उसमें भी हमारे प्रबंधक निर्देशक का लगातार आदेश आते रहता है कि ,फैक्ट्री को बंद कर दीजिए ।जिन लोगों से जमीन भी लीज पर ली गई थी उनका भी मुआवजा आहिस्ता -आहिस्ता बंद कर दिया गया है.

वह लोग भी अब अपने जमीन को बेचने के लिए इधर-उधर बातें कर रहे हैं .वर्तमान में हमारी स्थिति है कि हम किसी दूसरे फैक्ट्री से गैस लाते हैं और यहां केवल कुछ प्रतिशत मुनाफा कमा कर फिर उसको बेचते हैं ।हम गैस बनाने वाली फैक्ट्री मात्र एक कुछ मुनाफा कमाकर गैस बेचने वाली बनकर रह गए। कहते- कहते उन्होंने रोना शुरू कर दिया। वर्तमान समय में सबसे बड़ा प्रश्न है कि जब ऑक्सीजन की इतनी बड़ी आवश्यकता पूरे देश को है , रोज ऑक्सीजन के कालाबाजारी की खबर आ रही है, ऑक्सीजन के अभाव में मौत हो रही है। मरीज अस्पताल के फर्शों पर दम तोड़ रहे हैं,और बिहार जोकि अत्यधिक पिछड़ा ,आधुनिक साधनों के अभाव में जीने वाला राज्य है ,और फिर उसके पास जब ऑक्सीजन फैक्ट्री है, जो बरसों से बंद है तो उसे क्यों नहीं बिहार सरकार चला रही है?