रामविलास पासवान समेत इन 4 बिहारियों को मिला पद्म सम्मान, लौंडा नाच की परंपरा को आगे बढ़ाने वाले रामचंद्र मांझी को भी मिला सम्मान…

डेस्क प्रिंस कुमार : गणतंत्र दिवस के अवसर पे केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है। पद्म पुरस्कारों के अन्तर्गत विभिन्न क्षेत्रों के विभूतियों को पद्म विभूषण , पद्म भूषण और पद्मश्री से नवाजा जाएगा। बिहार से भी रामविलास पासवान को पद्म भूषण तथा अन्य चार व्यक्तियों को पद्मश्री देने की घोषणा की गई है।

बिहार से इन्हें मिला सम्मान- पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार में दलितों के सबसे बड़े चेहरे स्वर्गीय रामविलास पासवान को भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित करने का फैसला किया है। इनके अतिरिक्त रामचंद्र मांझी , दुलारी देवी , मृदुला सिन्हा और डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह को पद्मश्री से सम्मानित करने का फैसला किया गया है।

व्यक्तित्व परिचय- रामविलास पासवान – स्वर्गीय रामविलास पासवान बिहार में दलित राजनीति के बहुत बड़े चेहरे थे। ये भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी कई बार शामिल हो चुके हैं। पिछले साल इनका देहावसान हो गया था। इन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।

रामचंद्र मांझी- बिहार में लुप्त हो रहे लौंडा नाच की परंपरा को जिंदा रखने का श्रेय रामचंद्र मांझी जी को जाता है। काफी पिछड़े समाज से आने वाले रामचंद्र मांझी ने भिखारी ठाकुर की कला के विरासत को भी जिंदा रखा है। कला के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए इन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

दुलारी देवी- इन्हें मिथिला पेंटिंग में उल्लेखनीय कार्य के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। ये मल्लाह समाज से आती हैं।

मृदुला सिन्हा- गोवा की राज्यपाल राह चुकी मृदुला सिन्हा को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

डॉ दिलीप कुमार सिंह- इन्हें चिकित्सीय सेवा में बेहतर कार्य के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।