भारी बारिश से जलस्तर में तूफानी वृद्धि : बूढ़ी गंडक नदी में हर घण्टे बढ़ रहा है जलस्तर

न्यूज डेस्क : जून माह में ही जिले के मंझौल, बखरी, बेगूसराय और बलिया अनुमंडल क्षेत्र से गुजरने वाली सर्पीली बूढ़ी गंडक नदी में मानूसन की बारिश से जल स्तर में तूफानी वृद्धि जारी है। बूढी़ गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश से बूढ़ी गंडक नदी में पिछले तीन चार दिनों से तेज गति से जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है।

सिवरी पुल मीटर गेज के मुताबिक दस जून के बाद नदी के जलस्तर में करीब दो मीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। दूसरी तरफ बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल रोसड़ा कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत दो दिनों में नदी में तीन लाख तीन हजार चार सौ क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। वहीं विगत पांच दिन में नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में 148 एमएम से ज्यादा की बारिश रिकॉर्ड की गई है । इन दोनों कारणों से नदी के जल में बढ़ोतरी हो रही है। नदी का खतरा निशान रोसड़ा बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के रेलवे गंडक पुल पर 42.06 मीटर है। बुधवार को जलस्तर खतरा के निशान से करीब छह मीटर नीचे 36.65 मीटर दर्ज किया गया है। बुधवार सुबह से प्रति घण्टे एक मिलीमीटर की वृद्धि दर्ज की जा रही है।

कुछ दिनों तक जलस्तर में वृद्धि के हैं आसार : मौसम विभाग द्वारा अगले पांच दिनों तक नदी के जल ग्रहण इलाके में भारी बारिश का अनुमान व्यक्त किया गया है ।जिससे और तेज गति से नदी में पानी बढ़ने का अनुमान है । नदी के जिले के प्रवेश द्वार खोदबंदपुर प्रखण्ड के दौलतपुर से होते हुए बाडा़,बेगमपुर ,मिर्जापुर, बरियारपुर ,बिदुलिया, चेरिया बरियारपुर प्रखण्ड के आकोपुर ,बसही, रामपुर घाट, चेरिया बरियारपुर से मंझौल तक में ढाव मे लगी फसल डूबने के कगार पर है। नदी में जलकुंभी का बहाव तेज गति से जलस्तर की वृद्धि की गवाही दे रहा है। बेगूसराय डिवीजन बाढ़ विभाग के जेई प्रभाष कुमार ने बताया कि अभी कुछ दिनों के तक जलस्तर में लगातार वृद्धि होने के आसार हैं।

जून माह में ही बज गयी खतरे की घण्टी : पिछले साल 2020 में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि से सालों पुराना 1987 का रिकॉर्ड टूट गया था । सात जुलाई से लेकर अगस्त माह तक बेगूसराय जिले में बाएं और दाएं दोनों तटबंधों पर करीब दस दिनों तक भारी दबाब बना हुआ था । दर्जनों जगह पर फ्लड फाइटिंग किया गया था । बावजूद इसके पिछले नदी में साल 2020 के 16 जून को वर्तमान जलस्तर से करीब तीन मीटर नीचे था। जो 7 जुलाई तक 40 सेमी नीचे तक रहा था । इस साल नदी जून माह में ही तूफानी गति से जलस्तर में वृद्धि हो रही है। इस लिहाज से सरकार और विभागीय लोगों के लिए एक प्रकार से खतरे की घन्टी बज गयी है। बाढ़ विभाग रोसड़ा डिवीजन के जेई संतोष कुमार ने बताया कि अभी जलस्तर राइजिंग ट्रेंड में है। सभी सुरक्षात्मक उपाय किये जा रहे हैं।