लॉकडाउन तोड़ने वालों का पुलिस ने लिया हाल-चाल…… कान पकड़कर उठक-बैठक लगवाई

न्यूज डेस्क : बेगूसराय जिले में लॉकडाउन के दूसरे दिन भी प्रशासन ने सख्ती बरतने में लगी रही । इस कड़ी में जिले के अलग अलग क्षेत्रों में प्रशासनिक महकमा सड़कों पर दिखा। बेगूसराय शहर के ट्रैफिक चौक ,सुभाष चौक, हर हर महादेव चौक ,नगरपालिका चौक के अलावा कई अन्य स्थानों पर आने वाले लोगों से लॉकडाउन को सख्ती से अनुपालन करवाने के लिए सड़क पर सदर एसडीएम संजीव कुमार व सदर एसडीपीओ राजन सिन्हा दल बल के साथ वस्तुस्थिति का जायजा ले रहे थे। इस कड़ी में मटरगश्ती करने वाले लोगों से सड़क पर कान पकड़ कर उठक बैठक करवाये जाने की तस्वीरें भी सामने आई ।

सख्ती की जरूरत बताते चलें कि लॉकडाउन 5 मई से लागू होने के बाद पुलिस को भी पॉवर दिये गए हैं। पुलिस को शहरी क्षेत्रों के साथ अब ग्रामीण क्षेत्रो में भी काफी ध्यान देने को कहा गया है ।लॉकडाउन में सुबह 7:00 से 11:00 बजे दिन तक मात्र 4 घंटे ही आवश्यक सामग्री से संबंधित दुकानें खोलने को कहा गया है।लेकिन पुलिस व पदाधिकारी को आंख में धूल झोंक कर शहरी क्षेत्र के दुकानदार बाहर से आने वाले ग्राहकों को अपने दुकान का ताला खोलकर अंदर प्रवेश कराकर बाहर से शटर गिरा कर दुकानदारी कर रहे हैं। वहीं शहर मे आने वाले सामान खरीदने के लिए भी ग्राहक अपना कई बहाना बनाकर पुलिस व पदाधिकारी को बरगलाते दिखते हैं। पुलिस प्रशासन के अधिकारी अगर डाल डाल पर चल रहे हैं तो शहर के दुकानदार व ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले ग्राहक भी पुलिस को दोनो आंखो में धूल झोंक कर पात पात पर चल रहे हैं । अगर जिले के ग्रामीण इलाके की बात की जाय तो लोगों में अब भी जागरूकता की कमी है। कपड़ा , सैलून या अन्य दुकान की बातें करें तो सभी दुकानदार दिन में अपनी दुकान को चोरी छिपे खुले रखते हैं।

जिलेवासियों को करना होगा सहयोग तभी जीतेंगे कोरोना से जंग बताते चलें कि बेगूसराय जिला में कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 काफी तेजी से अभी फैल रहा है। इस कोरोना के चेन को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस पदाधिकारी काफी इन दिनो शहर में चौकस दिख रहे हैं। जिलेवासियों को भी लॉक डाउन के अनुपालन में प्रशासन का सहयोग करने की जरूरत है। ताकि कोरोना से जंग को जीत ली जाय । लोगों की भी कई प्रकार की शिकायतें होती है। परंतु एक एंगल से देखा जाय तो फिर से मानवता को बचाने की इस लड़ाई में पुलिस प्रशासन के लोग भी तो आखिर जनता की सुरक्षा के लिए ही खड़े रहते हैं।