कटिहार – बरौनी रेलखंड के लखमिनिया स्टेशन की बदहाली दूर होने की जगी आस , राज्यसभा में सांसद ने उठाया मुद्दा

न्यूज डेस्क : बरौनी-कटिहार रेलखंड स्थित बेगूसराय जिले के लखमीनिया रेलवे स्टेशन की विकास की आस धीरे-धीरे जगने लगी है। उक्त स्टेशन की बदहाली का मुद्दा राज्यसभा में गूंजा । जिससे क्षेत्र के लोगों में स्टेशन की बदहाली दूर होने की संभावना दिखने लगी है। इस कड़ी में राज्यसभा सांसद प्रो० राकेश सिन्हा ने लखमीनिया रेलवे स्टेशन के जीर्णोद्धार को लेकर रेल संचार एवं इलेक्ट्रॉनिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से महत्वपूर्ण सवाल पूछे। जिसमें उन्होंने लखमीनिया स्टेशन के मूलभूत समस्या, राजस्व एवं विभिन्न ट्रेनों के ठहराव को लेकर सवाल किए है।

बहरहाल कोविड के प्रकोप से पहले इस स्टेशन से काफी मात्रा में यात्री अपने गंतव्य की ओर रवाना होते थे। लेकिन, फिलहाल कोविड के चलते महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव नहीं है। जिसके चलते यात्रियों की संख्या धीरे-धीरे कम होने लगी। वैसे इस स्टेशन पर से अभी भी दिल्ली, मुंबई, अमृतसर, जैसे महत्वपूर्ण शहरों के लिए सीधी ट्रेन उपलब्ध नहीं है। जिसको लेकर यात्रियों को दिल्ली, मुंबई, जैसे महत्वपूर्ण शहर जाने के लिए बेगूसराय या तो खगड़िया से ट्रेन पकड़ना पड़ता है। अगर बात करें राजस्व की तो लागातार इस स्टेशन पर से रेलवे को मुनाफा हो रहा है। लेकिन अभी भी यात्रियों को मूलभूत सुविधाओं को लेकर काफी फजीहत का सामना करना पड़ता है। राज्यसभा सांसद प्रो राकेश सिन्हा द्वारा पूछे गए सवाल और रेल मंत्री का जबाब

  1. राज्यसभा सांसद प्रश्न:- लखमिनियां रेलवे स्टेशन (सोनपुर खण्ड) द्वारा वर्ष 2016-17, वर्ष 2017-18, वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 में कितना वार्षिक राजस्व अर्जित किया गया।

उत्तर रेल मंत्री:- मंत्री ने जवाब देते हुए पिछले 4 सालों का ब्यौरा दिया जो इस प्रकार है। उन्होंने बताया 2016-17 के दौरान लखमीनिया स्टेशन से 3.44 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। वही 2017-18 के बीच मुनाफा बढ़कर 3.49 करोड़ हो गया। उसके बाद 2018-19 के बीच घटकर 3.40 करोड़ हो गया। उसके बाद 2019-20 के बीच कोरोना के चलते घटकर 3.25 हो गया।

  1. राजसभा सांसद प्रश्न:- क्या यह सच है कि विशेष रूप से इस स्टेशन पर रुकने वाली रेलगाड़ियों की कम संख्या को देखते हुए इस स्टेशन द्वारा अर्जित राजस्व अन्य पड़ोसी स्टेशनों की तुलना में अधिक है।

उत्तर रेल मंत्री:- मंत्री ने लखमिनिया रेलवे स्टेशन के सटे दो निकटवर्ती रेलवे स्टेशन का ब्यौरा देते हुए बताया बगल के दनौली फुलवरिया एवं साहेबपुर कमाल जंक्शन से लखमीनिया का राजस्व काफी अधिक है। जो इस प्रकार हैं। वर्ष 2016-17 के बीच साहेबपुर कमाल ज से 1.03 करोड़ों का राजस्व प्राप्त हुआ। वही 2017-18 की बीच 0.90 2018-19 के बीच 1.03 बीते वर्ष 2019-20 के बीच 0.96 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। वही धनौली फुलवरिया स्टेशन से 2016-17 में 0.18 और 2017-18 में 0.16 2018-19 के बीच 0.16 2019-20 के बीच के दौरान 0.17 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ।

3. प्रश्न राज्यसभा सांसद:- लखमिनियां स्टेशन पर कितनी रेलगाड़ियां रुकती हैं।

उत्तर रेल मंत्री:– मंत्री ने स्टेशन पर विभिन्न ट्रेनों के ठहराव को लेकर कहा कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए भारतीय रेलवे ने 23.03.2020 से सभी नियमित यात्री गाड़ियों को बंद कर दिया है। और इस समय, राज्य सरकारों के सुझावों और चिंताओं को ध्यान में रखते हुए केवल विशेष गाड़ियां, सीमित ठहराव के साथ, संचालित की जा रही हैं। लखमिनियां स्टेशन इस समय 20 स्पेशल गाड़ी सेवाओं से सेवित हैं।

  1. प्रश्न राज्यसभा सांसद: – क्या यह भी सच है कि लखमिनियां स्टेशन से कई यात्रियों के यात्रा करने और राजस्व प्राप्त होने के बावजूद स्टेशन पर बहुत खराब सुविधाएं उपलब्ध हैं।

उत्तर रेल मंत्री:- मंत्री ने स्टेशन की मूलभूत समस्याओं का विवेचना करते हुए बताया लखमिनियां स्टेशन एक गैर-उपनगरीय ग्रेड-5 (एनएसजी-5) श्रेणी का स्टेशन है। मानदंडों के अनुसार, इस स्टेशन पर न्यूनतम आवश्यक सुविधाएं जैसे प्रतीक्षालय, शेल्टर, सीटें, शौचालय, ऊपरी पैदल पुल (एफओबी) आदि मुहैया कराई गई हैं। बहरहाल, रेलवे स्टेशनों का उन्नयन आधुनिकीकरण करना सतत और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, और इस संबंध में धन की उपलब्धता के अध्यधीन आवश्यकता, यात्री यातायात की मात्रा और पारस्परिक प्राथमिकता के आधार पर कार्य किए जाते हैं।

  1. प्रश्न राजसभा सांसद:- क्या सरकार रेलवे आरक्षण काउंटर को 8 घण्टे के लिए खोले जाने सहित वहां सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कदम उठाएगी।

उत्तर रेल मंत्री:- लखमीनिया स्टेशन के आरक्षण काउंटर खोलने को लेकर उन्होंने कहा, इस समय, लखमिनियां स्टेशन पर कम्प्यूटरीकृत अनारक्षित टिकट प्रणाली (यूटीएस) सह यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) सुविधा मुहैया कराई गई है। इस स्टेशन पर संभाले जा रहे आरक्षण से संबंधित लेन-देन के विश्लेषण से पता चला है कि इस स्टेशन पर औसतन 56 आरक्षण संबंधी लेन-देन किए जा रहे हैं, जो किसी भी स्थान पर अतिरिक्त आरक्षण काउंटर खोलने को न्यायोचित ठहराने के लिए प्रति काउंटर 180 लेनदेन के मौजूदा मापदंड से कम है। इस प्रकार, मौजूदा सुविधाएं यात्री यातायात के वर्तमान स्तर को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं।

  1. प्रश्न राजसभा सांसद: – क्या सरकार स्टेशन के ग्रेड का पुनर्मूल्यांकन करती है ?

उत्तर रेल मंत्री:- लखमीनिया स्टेशन के ग्रेड का पुनर्मूल्यांकन को लेकर उन्होंने कहा स्टेशनों का वर्गीकरण पांच वर्ष में एक बार किया जाता है। स्टेशनों की वर्तमान श्रेणी की समीक्षा 2017-18 में वार्षिक यात्री राजस्व (आरक्षित और अनारक्षित) और वर्ष 2016-17 के लिए स्टेशन से बाहर जाने वाले यात्रियों की संख्या के आधार पर की गई है।