कोरोना को लेकर दस माह से निजी विद्यालय के कर्मचारियों का हाल-बेहाल, अब उतरेंगे सड़क पर

बेगूसराय, 01 दिसम्बर : दस माह से विद्यालय बंद रहने के कारण भुखमरी के शिकार हो रहे निजी विद्यालय के शिक्षक समेत सभी कर्मचारी अब सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे। आंदोलन की पहली कड़ी में तीन दिसम्बर को डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर शिक्षा बचाओ मार्च निकालकर 11 सूत्री मांग पत्र डीएम को दिया जाएगा। इस पर भी सार्थक पहल नहीं होगी तो चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा।

निजी विद्यालय संचालक एवं शिक्षक समेत अन्य कर्मियों का कहना है कि सरकार एसओपी का पालन करवा कर सभी कार्यालय खोल सकती है, चुनाव करवा सकती है, तो विद्यालय क्यों नहीं खुल सकता है। आखिर क्यों सरकार बच्चों को शिक्षा से बाधित कर उन्हें बर्बाद करने पर तुली है, शिक्षकों की जान लेने पर तुली है। मंगलवार को जिला मुख्यालय के विश्वनाथ नगर स्थित भारत भारती विद्यालय में बेगूसराय पब्लिक स्कूल एसोसिएशन द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि कोरोना के कारण सभी तरह की शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ हर तरह के संस्थान को बंद कर दिया गया। अब सरकार गाइडलाइन जारी कर सभी तरह के क्रियाकलाप शुरू कर रही है, लेकिन स्कूल नहीं खोला जा रहा है।

जिसके कारण जहां एक ओर बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। वहीं, सिर्फ बेगूसराय जिला के 85 सौ से अधिक शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। विद्यालय संचालकों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। सरकार ऑनलाइन पढ़ाई की बात कर रही है, लेकिन यहां गरीबों को खाने के लिए पैसा नहीं है तो ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था कहां होगी। महासचिव मुकेश कुमार प्रियदर्शी एवं कोषाध्यक्ष मजाहिर जकरया ने कहा कि 2009 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लाने के लागू करने के बाद समाज के कमजोर एवं अभिवंचित समूह के 25 प्रतिशत बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अनिवार्य कर दिया गया। इसके तहत बेगूसराय के निजी विद्यालयों में 30 हजार से अधिक बच्चे मुफ्त शिक्षा पा रहे थे।

इसके बदले में राज्य सरकार विद्यालयों को प्रतिपूर्ति राशि देती थी। लेकिन वित्तीय वर्ष 2019-20 तक 23 करोड़ के बदले मात्र तीन करोड़ का भुगतान किया गया है। एक ओर सरकार 20 करोड़ रुपया नहीं दे रही है, दूसरी ओर दस महीने से स्कूलों की सभी गतिविधियां बंद कर दी गई है। हम लोगों ने ईमेल के माध्यम से डीएम से लेकर पीएम तक गुहार लगाई। लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है, जिसके कारण अब सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। मौके पर संघ के संस्थापक सदस्य सुरेन्द्र कुमार, संयुक्त सचिव अमित कुमार रुद्राक्ष एवं कार्यकारिणी सदस्य अमितोष कुमार मधुकर भी उपस्थित थे।