दरभंगा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशी ने कहा नियोजित व वित्तरहित के मुद्दे पर लड़ा जाएगा MLC चुनाव

मंझौल : दरभंगा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के भावी प्रत्याशी और अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक महासंघ के महासचिव डॉ अरुण कुमार ने सोमवार को मंझौल अनुमंडल मुख्यालय, चेरियाबरियारपुर एवं खोदाबंदपुर क्षेत्रों का भ्रमण कर घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि विधान परिषद का चुनाव होने वाला है। दरभंगा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर एवं बेगूसराय जिले आते हैं। पिछले छ: वर्षों से शिक्षकों के जो प्रतिनिधि चुने गए हैं उनका शिक्षा व शिक्षकों के क्षेत्र में योगदान व कार्य शून्य है। बिहार में शिक्षा व्यवस्था बदहाल है एवं शिक्षक बेहाल हैं।

शिक्षकों की समस्याओं को कोई सुनने वाला नहीं है। माध्यमिक एवं प्लस टू के शिक्षक नियोजनबाद के शिकार हैं। उन्हें सेवा शर्त नहीं मिल पाया है। वहीं दूसरी तरफ वित्त रहित अनुदानित इंटर एवं डिग्री कॉलेज के शिक्षक सबसे ज्यादा प्रताड़ित हो रहे हैं। 7-8 वर्षो से अनुदान लंबित है। शिक्षक एवं कर्मी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।चुने हुए प्रतिनिधि कोई पहल नहीं कर रहे हैं। इस वर्ष का विधान परिषद का चुनाव नियोजित एवं वित्त रहित शिक्षकों के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। वित्त रहित कॉलेजों में आंतरिक संसाधन एवं अनुदान की राशि को जोड़ दिया जाय तो शिक्षकों को वेतनमान दिया जा सकता है।

अगर सरकार अनुदान के बजट में सरकार से अनुदान के बजट में थोड़ी वृद्धि करने की मांग की जाएगी।बजट में थोड़ी वृद्धि कर देने से वित्त रहित कॉलेज के शिक्षकों को वेतनमान दिया जा सकता है। उन्होंने कहा की शासी निकाय लूट-खसोट का केंद्र बना हुआ है। शिक्षक सरकार व कमिटी के द्वारा दोहरे शोषण के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार को नियोजित एवं वित्त रहित शिक्षकों को वेतनमान देने पर विचार करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो चुनाव के बाद वित्त रहित एवं नियोजित शिक्षकों का संयुक्त मोर्चा बनाकर निर्णायक संघर्ष करूंगा। बिहार की शिक्षा एवं शिक्षकों के भविष्य को बचाने के लिए एक संयुक्त आंदोलन चलाया जाएगा।मौके पर उनके साथ शिक्षक नेता अमरनाथ सिंह, संतोष कुमार ईश्वर आदि शामिल थे।