ट्रेनों के इंजन और गेट पर लटकर छात्र पहुंच रहे सेंटर

बेगुसराय : हम यह तो बखूबी जानते है की हमारा देश किस तरह से बेरोजगारी की मार झेल रहा है। युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी का कारण सही से शिक्षा को इस्तेमाल न कर पाना या दिशाहीन होना है जिससे युवाओं को आगे चलकर अपने जीवन में अन्धकार के आलावा कुछ नजर नहीं आता है। आज की युवा पीढ़ी क्या करे , वह खुद ही फैसले लेने में सक्षम नहीं है। मोटी मोटी पाठ्यक्रम की पुस्तक खतम करने के बात उन्हें दर दर की ठोकरे खानी पड़ती है और नौकरी ना मिलने पर वह निराशा का सामना करते है कुछ तो अपने जिंदगी से इतने दुखी हो जाते है की आत्महत्या तक कर बैठते है।

ऐसे में ज़रा देश के राज्य बिहार की बात करते है जहां पर युवा जिस को भी वोट देकर लाते हैं उनसे यही उम्मीद लगाते है की वह अब बेरोजगारी को ख़त्म करेगी और नए रोजगार के अवसर देगी पर ऐसा नहीं हो रहा है। पिछले कई वर्षो में बेरोजगारी का ग्राफ बढ़ा है। कुछ ऐसे युवा जो काम करने लायक है पर नौकरी न होने की वजह से खाली है उनकी संख्या लगभग 12 करोड़ है पूरे देश में जिसमे से 4 करोड़ लोग बिहार से ही है ।

बात करें अगर बिहार की तो सरकार हमेशा से युवाओं से वादे कर वोट तो ले जाती है पर नौकरी न देने की वजह से बिहार के युवाओं को बिहार छोड़कर बाहर के राज्यों में नौकरी की तलाश में भटकना पडता है ऐसे में बेगूसराय जिले से हाल ही में हुइ बिहार पुलिस सेवा भर्ती के लिए छात्रों की भीड़ ट्रेन पर देखने को मिली जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल रहा और छात्रों में छीना झपटी भी बराबर रूप से हुयी।

बेगूसराय रेलवे स्टेशन पर कंबल तानकर नींद पूरी करते बिहार पुलिस परीक्षार्थी

केंद्रीय श्रम मंत्रालय के हिसाब से 550 नौकरियाँ कम हुयी है। इस मुद्दे पर सरकारी नीतियों ने और राजनीतिन पार्टियों ने अपनी आँखें मूँद रखी है। अगर प्राइवेट नौकरी की बात करे तो उनके सर पर नौकरी छूटने का भय अक्सर बना रहता है, आजकल बच्चे पढ़ाई लिखाई कर के भी घर बैठ जाते है और कहीं काम न मिलने की वजह से चोर लूटरे बन जाते है जिससे देश में जुर्म की घटना का स्तर बढ़ जाता है। न जाने कब युवाओं की जिंदगी में वह सवेरा आएगा जब उनके हाथ में ऐसी नौकरी होगी जिससे दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो पायेगा।