बेगूसराय के छात्रों को विश्वविद्यालय नहीं खुलने का रहेगा मलाल, शिक्षा मंत्री ने जीडी कॉलेज में फेंका जुमला

न्यूज डेस्क , बेगूसराय : एक बार फिर बेगूसराय के छात्रों को आश्वासन की घूंट पिला दी गयी। एक बार फिर बेगूसराय के आम छात्र और आवाम विश्वविद्यालय की खोले जाने की घोषणा सुनने के लिए तरस गए। मौका था जीडी कॉलेज के स्थापना दिवस समारोह की । सर गणेश दत्त की जयंती और जीडी कॉलेज के स्थापना दिवस समारोह में शिरकत करने बिहार विस के स्पीकर विजय सिन्हा , शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी, एलएन एमयू के कुलपति प्रो एसके सिंह सहित दरभंगा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी सर्वेश कुमार, सदर विधायक कुंदन सिंह , मटिहानी विद्यायक सहित कई गणमान्य जीडी कॉलेज के मंच पर मौजुद थे।

स्थापना दिवस समारोह की तमाम औपचारिकता पूर्ण होने के बाद बेगूसराय के तमाम नेताओं ने शिक्षा मंत्री और स्पीकर के सामने जिले में विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग रखी। परन्तु हर बार की तरह इस बार भी तमाम छात्रों और छात्र संगठन सहित जिलेवासियों को शिक्षा मंत्री ने मांग से भावनात्मक जुड़ाव होने का ढांढस बंधाया। और विश्वविद्यालय स्थापना के नियम परिनियम समझा बुझा कर अपना भाषण समाप्त कर बेगूसराय के छात्रों को एकबार फिर निराशा की समुंदर में धकेल दिया । समारोह से पहले जिले के तमाम छात्र संगठन के नेताओं ने शिक्षा मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को जिले विश्वविद्यालय की स्थापना किये जाने से सम्बंधित मांग पत्र सौंपा ।

बेगूसराय वांट्स दिनकर यूनिवर्सिटी की टीम हुई सक्रिय, कहा दिल्ली तक लड़ाई लड़ेंगे विस स्पीकर विजय सिन्हा , शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी , वीसी एसके सिंह सहित स्थानीय एमएलसी , विधायक तमाम गणमान्य लोगों को बेगूसराय वांट्स दिनकर विवि की टीम ने ज्ञापन सौंपा। टीम में शामिल सदस्य सौरभ सिप्पी ने शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी व विस अध्यक्ष विजय सिन्हा से मिलकर कहा कि बेगूसराय में सालों से दिनकर विश्वविद्यालय की मांग उठ रही है। परंतु बिहार सरकार के द्वारा लगातार मांग को अनसुना किया जा रहा है।

विगत साल 23 सितम्बर को दिनकर जी के जन्म जयंती पर ट्विटर ट्रेंड में प्रदेश से लेकर रास्ट्रीय स्तर के लोगों ने भाग लेकर दिनकर जन्मधाम में विश्वविद्यालय खुलने की मांग को जायज बताया था और अपना समर्थन दिया था। इस साल भी बेगूसराय के हजारों छात्र उच्च शिक्षा के लिए जिले से पलायन करेंगे । साल दर साल उम्मीद बढ़ती है परन्तु उम्मीद खत्म होते साल के साथ टूटती चली जाती है। इस साल भी बेगूसराय में दिनकर विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग पुरजोर तरीके से बुलन्द की जाएगी । जिसके बाद पटना से लेकर दिल्ली तक का भी रुख किया जाएगा।