कोरोनाकाल में दस महीने बाद मास्क लगाकर स्कूल पहुंचे छात्र , कहा ऑनलाईन पढ़ाई में स्कूल को बहुत मिस किये

बेगूसराय : बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के आदेशनुसार बिहार भर में सोमवार से हाई स्कूल, कोचिंग, होस्टल और कॉलेज खुल गए । करीब दस महीने बाद शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई करने पहुँचे छात्र छात्राओं के मुँह मास्क से ढंके हुए थे। शिक्षण संस्थानों के मुख्य द्वार पर थर्मल स्कैनिंग किया जा रहा था । वर्ग में छात्र छात्राओं के बीच दो गज की दूरी का विशेष ख्याल रखा जा रहा है।

सीबीएसई से अफलिएटेड संस्कृति पब्लिक स्कुल मंझौल में नौंवी व दशवीं के छात्र छात्राएं पढ़ने पहुँचे थे।विद्यालय के निदेशक प्रवीण कुमार ने बताया कि कोरोनाकाल में छात्रों की सुरक्षा हेतु विद्यालय प्रबंधन कोविड प्रोटोकॉल के पालन के लिए प्रतिबद्ध है। ताकि कोरोना से लड़ते हुए इस सदमे को भुलाकर छात्र छात्राएं अपने शैक्षणिक गतिविधियों पर फोकस कर सकें। विद्यालय को पूर्णतः सेनेटाइज करवाया गया है।

वहीं नौवीं कक्षा की छात्रा शिवानी कुमारी , पूजा कुमारी ने बताया कि स्कूल पहुंचकर ऐसा लगा जैसे महीनों बाद नहीं बल्कि सालों बाद अपने वर्ग में पहुंचे , कोविड के समय ऑनलाइन पढाई की व्यवस्था तो की गई थी परन्तु घर बैठकर इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स पर पढ़कर स्कूल बाली फिलिंग नहीं आ पाती थी , स्कूल खुलने से बहुत खुश हूं । दूसरी तरफ बेगूसराय जिले के मंझौल में जयमंगला प्लस टू स्कूल , आरडीपी गर्ल्स प्लस टू स्कूल , आरसीएस कॉलेज मंझौल सहित अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों की आवाजाही शुरू हो गयी ।