प्रणव मुखर्जी की किताब The Coalition Year में हुआ खुलासा, ‘हिंदुओं से नफरत करती हैं सोनिया गांधी’

नई दिल्ली : सोशल मीडिया पर काफी समय से काफी समय से कुछ कांस्पीरेसी थ्योरी चल रही है जिसमें कहा जाता है कि सोनिया गांधी हिंदू विरोधी हैं और उन्होंने UPA शासनकाल में हिंदुओं के खिलाफ काफी गलत काम किए है हालांकि इन बातों को हमेशा खारिज कर दिया गया क्योंकि इसका कभी कोई सबूत नहीं मिला, लेकिन इस बात का खुलासा पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब “The Coalition year” में भी हुआ कि सोनिया गांधी के अध्यक्ष रहते कांग्रेस नीतियां हिंदू विरोधी रहीं। यूपीए की सरकार के दौरान ऐसे कई काम किए गए जो सुहिष्णु हिंदुओं को आतंकवादी और बलात्कारी बताने की कोशिश की गई। ईसाई मिशनरियों और मुस्लिम कट्टरपंथियों को बढ़ावा देने के लिए हिंदुओं को कटघरे में खड़ा किया जाता रहा है। इसमें सबसे खास बात यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कृतिसत कोशिशों की नायिका रही है पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने खुलासा किया कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में हिंदुओं को टारगेट कर फसाया गया। नवंबर 2004 में कांग्रेस के सत्ता में आने के कुछ महीने के भीतर ही दिवाली के मौके पर शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को हत्या के केस में गिरफ्तार करवाया गया था जिस वक्त वह गिरफ्तारी की गई थी तब वह 2500 साल से चली आ रही त्रिकाल पूजा की तैयारी कर रहे थे गिरफ्तारी बाद उन पर अश्लील सीडी देखने और छेड़खानी जैसे घिनौने आरोप भी लगाए गए थे, हालांकि यह आरोप कभी भी सिद्ध नहीं हुआ।

प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब The Coalition year 1962 – 2012 में इस घटना का जिक्र किया है उन्होंने है कि मैं इस गिरफ्तारी से बहुत नाराज था और कैबिनेट की बैठक में मैंने इस मसले को उठाया भी था। मैंने सवाल पूछा कि, ‘क्या देश में धर्मनिरपेक्षता का पैमाना सिर्फ हिंदू संत महात्माओं तक ही सीमित है? किसी राज्य की पुलिस किसी मुस्लिम मौलवी को ईद मौके पर गिरफ्तार कर सकती है?’ प्रणब मुखर्जी की किताब ने इस देश के आगे एक बड़ा सवाल फिर से खड़ा कर दिया है सवाल यह है कि कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की गिरफ्तारी और उन पर लगाए गए बेहूदे आरोप के पीछे कौन था अब तक मोटे तौर पर यह माना जाता रहा है कि कांची पीठ के शंकराचार्य को झूठे मामले में फंसाकर गिरफ्तार करवाने की पूरी साजिश उस वक्त की मुख्यमंत्री रही जयललिता ने अपनी सहेली शशि कला के इशारेे रची थी। उस वक्त सारी घटनाओं के पीछे जमीन सौदे को लेकर हुआ विवाद बताया गया था लेकिन अब खुलासे से साफ हो गया कि गिरफ्तारी सिर्फ जयललिता की मर्जी से नहीं बल्कि सोनिया गांधी के इशारे पर हुई थी।

सोनिया गांधी और जयललिता काफी करीबी थी उस दौर में 2004 -2014 के बीच 10 साल तक सोनिया गांधी सत्ता के शीर्ष को हैंडल कर रही थी तब से ही वह हिंदुओं की धार्मिक संस्कृति आस्थाओं को कुचलने में लगी थी। शंकराचार्य की गिरफ्तारी सिर्फ भारत के हिंदू समाज के श्रेष्ठ महानता को अपमानित करने के लिए की गई थी और यह स्पष्ट है कि हिंदू धर्म के इतने बड़े संत की गिरफ्तार करके मीडिया में उपहास उड़ाने का काम इसाई साजिश का हिस्सा था।

यह भी माना जाता है की वेटिकन के इशारे पर दक्षिण भारत में ईसाई धर्म को बेरोक -टोक फ़ैलाने के लिए कांची के शंकराचार्य को जानबूझकर फंसाया गया था। जिस समय मीनाक्षीपुरम में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की घटनाओं से पूरे हिंदू समाज सकते में था, तब कांची मठ ने सचल मंदिर बनाकर उन्हें दलित बस्तियों में भेजा और कहा कि अगर वह मंदिर तक नहीं आ सकते तो मंदिर उन तक पहुंचेगा। सामाजिक बराबरी के लिए जितनी कोशिश कांची मठ ने कि उतनी शायद और किसी हिंदू संस्थान ने नहीं की होगी।