बेगूसराय शारदीय नवरात्रि इस वर्ष 26 सितंबर से शुरू हो रही है । इस बार पूरे नो दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होगी । कोई तिथि क्षय जैसी स्थिति नहीं है। इस बार माता का आगमन और प्रस्थान दोनों ही हाथी पर होगा।
आगमन विशेष रूप से वर्षा एव जल की अधिकता को देने वाला योग बना रहा है जबकि गमन भी शुभ वर्षा कारक योग है यानी इस वर्ष नवरात्रि में देवी का आगमन प्रस्थान वर्षा जल अधिकता वाला रहेगा। 26 सितंबर की सुबह 3:23 पर प्रतिपदा तिथि का आरंभ हो रहा है । जबकि प्रतिपदा तिथि का समापन 27 सितंबर की सुबह 3:08 पर हो रही है
विधि विधान पूर्वक पूजन से मिलता है विशेष लाभ: विधि विधान पूर्वक पूजन से विशेष लाभ मिलने की बात करते हुए ज्योतिषाचार्य अविनाश शास्त्री ने कहा कि सही मुहूर्त में पूजन आरंभ से लेकर संपूर्ण विधान से माता का पूजन जातक का भला करने वाला होता है । नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करते हुए मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा आराधना होगी । जबकि इसके बाद 9 दिनों तक शक्ति की साधना आराधना के कर्म में माता के विभिन्न स्वरूपों का पूजा संपन्न होगा । दुर्गा उपासना पूजा उपवास और मंत्रों के जाप का विशेष महत्व होता है इसीलिए हर जातक इसका विशेष ध्यान रखें ।
- प्रतिपदा तिथि आरम्भ – 26 सितंबर 2022,सुबह तीन बजकर 34 मिनट पर
- प्रतिपदा तिथि का समापन-27 सितम्बर 2022,सुबह तीन बजकर 32 मिनट पर
घट स्थापना का मुहूर्त
- सुबह 06:02 बजे से 7:32 तक
- अभिजीत मुहूर्त 11:54 बजे से 12:42 तक
*अवधि 48 मिनट
कलश स्थापना के लिए सामग्री
- कलश,मोली,आम के पते पल्लव,रोली,गंगाजल, सिक्का, गेंहू या अक्षत
ज्वार बोने के लिए सामग्री
- मिट्टी का बर्तन, शुद्ध मिट्टी, जौ,मिट्टी रखने के लिए एक साफ कपड़ा, साफ जल,और कलावा
अखंड ज्योति जलाने के लिए
- पीतल या मिट्टी का दीपक, घी, रुई बत्ती,रोली या सिंदूर, अक्षत