वैज्ञानिकों का दावा, समुद्री लाल काई से कोरोना की रोकथाम मुमकिन!

डेस्क : एक तरफ जहां कोरोना वायरस से पूरी दुनिया परेशान है और अभी तक इस वायरस का कोई ठोस समाधान नहीं मिला है वहीं दूसरी तरफ एक शोध मे दावा किया गया है कि इस वायरस की रोकथाम मुमकिन है। दरअसल,कोरोना वायरस को आगे बढ़ाने से रोकने में समुंद्र में मौजूद एक चीज काम आ सकती है वह चीज है “लाल काई” ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह लाल काई कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में मददगार साबित हो सकता है। यह शोध रिलायंस के एक संस्थान ने किया है रिलायंस का दावा है कि समुद्र के अंदर पाई जाने वाली यह लाल काई की मदद से कोरोना वायरस जैसी भयंकर संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।

रिलायंस की स्टडी की मानें तो लाल काई से जो जैव रासायन निकलेगा उसकी मदद से कोटिंग पाउडर तैयार किया जा सकता है उस कोटिंग पाउडर को अगर सैनिटरी आइटम्सपर किया जाएगा तो कोरोना नहीं फैल पाएंगा। सैनिटरी के सामान में टंकी, सिंक,टॉयलेट सीट जैसी तमाम चीजें आती है।कोरोना वायरस की वजह से अब तक दुनिया भर में बहुत सारे लोगों की जानें जा चुकी हैं और बहुत सारे लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जिससे यह समस्या गंभीर बनी हुई है।

फिलहाल दुनिया भर के डॉक्टर, शोधकर्ता इसका इलाज खोजने में लगे हैं लेकिन अभी तक ठोस इलाज नहीं मिल पाया है। दरअसल, कैरीगीरिन समुद्री काई का ही प्रकार है,जिसे खाने में भी इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह कैरीगिरीन कई तरह के वायरस के लिए अवरोधों को का काम करती है। रिसर्च पेपर के मुताबिक इस तरह की काई से निकलने वाले (polysaccharides) कोरोना वायरस से लड़ने में एंटीवायरल एजेंट के रूप में काम करते हैं इसीलिए अगर कोटिंग बनाकर की जाए तो कोरोना का प्रसार को रोका जा सकता है।

कोटिंग से वायरस कई हद तक फैलने से रुक सकता है क्योंकि अभी तक यह खबर आया है कि कोरोना किसी भी सतह पर लंबा नहीं टिक सकता है। रिलायंस के लिए रिसर्च विनोद नागले, महादेव गायकवाड, योगेश पवार और शांतनु दासगुप्ता ने किया है। यह सभी वैज्ञानिकों रिलायंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर (नवी मुंबई) में काम करते हैं। इन लोगों ने यह दावा किया है अब देखना यह होगा कि यह कितना कारगर साबित होता है।