बेगूसराय के पबरा में रास्ट्रीय संत असंग देव का सत्संग शुरू , श्रवण मात्र से ही जीवन का कल्याण संभव

न्यूज डेस्क , बेगूसराय : सत्संग श्रवण मात्र से ही जीवन का कल्याण संभव है। सत्संग का मुख्य उद्देश्य जीवात्मा को परमात्मा से मिलाना है। ताकि लोगों को जीवन के असली सुख की अनुभूति महसूस हो। और वे आनंदित जीवन प्राप्त कर सकें। उक्त बातें शुक्रवार को मंझौल के पबड़ा गांव में आयोजित दो दिवसीय सुखद सत्संग के प्रथम दिन राष्ट्रीय संत असंग देव जी महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही।

इस दौरान उन्होंने सत्संग प्रेमियों को अपनी अमृतमय वाणी से पाप का विनाश कर सुखमय जीवन बिताने की युक्ति सुझाते हुए उस पर डटे रहने की अपील की। इस दौरान संत ने शब्द एवं प्रकाश की गति से संतों की तुलना की। उन्होंने कहा कि जीवन रूपी नैया केे लिए सत्संग वैतरणी के समान है। असली खेवनहार सत्संग है। बिना सत्संग से वैतरणी पार नहीं की जा सकती हैै। संत ने कहा हर आदमी को सुख की लालसा होती है। इसके लिए मनुष्य जीवन भर प्रयास करता है। लेकिन बाहरी सुख क्षणभंगुर होने के कारण उसे संतुष्टि नहीं मिलती है। आंतरिक सुख की प्राप्ति और संतुष्टि सत्संग से ही मिलती है।

चूंकि सत्संग के श्रवण मात्र से आत्मा की शुद्धि हो जाती है। उन्होंने कहा मनुष्यरूपी शरीर पाकर जो भगवान की भक्ति करता है। सत्संग में समय बीताता है। उससे बड़ा भाग्यशाली कोई नहीं है। राष्ट्रीय संत ने कहा ईश्वर हमारे अंदर हैं। और हम कस्तूरी मृग की तरह उनकी खोज में बाहर भटकते रहते हैं। इसलिए आत्मा रूपी निर्मल जल के ऊपर जो काई लगी है। उसे हटाने से ही आत्म ज्ञान और परमात्मा का ज्ञान होगा।

संत के साथ सिउरी पुल से निकली शोभायात्रा सुखद सत्संग से पूर्व श्रद्धालुओं ने सिउरी पुल पर संत के साथ शोभायात्रा निकाली। उक्त शोभायात्रा में श्रद्धालु बड़ी संख्या में दो पहिया एवं चार पहिया वाहन , बैंड पार्टी से शामिल हुए। शोभायात्रा मंझौल सत्यारा चौक, नित्यानंद चौक, बीएसएनएल एक्सचेंज के बगल से कथा स्थल की ओर धीरे धीरे बढ़ती रही। उत्क्रमित मध्य विद्यालय बढ़कुरवा मुर्गी फार्म एवं संस्कृति पब्लिक स्कूल पबड़ा रोड मंझौल के बच्चों के साथ साथ जयमंगला मैथिल संघ के कार्यकर्ताओं ने संत असंग देव जी महाराज पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।