“साईं की रसोई” टीम के मुखिया अमित जायसवाल पटना में होंगे सम्मानित

बेगूसराय : अलग अलग उपक्रमों से कई सालों समाज सेवा में लगे हुए अमित जायसवाल को सामाजिक क्षेत्र में काम करने के लिये संस्कृति फाउंडेशन एवम हेल्पिंग ह्यूमन ने साल 2020 का बिहार रत्न अवार्ड देने की घोषणा किया है। यह अवार्ड सेरेमनी 9 फरबरी को तीसरा साल पटना में आयोजित होगा।

‘कोई भूखा न सो जाये’ इसलिये शुरू किया साई की रशोई

भगवान जब इंसान को धरती पर भेजते हैं तो उनको ये भी पता होता है इसका पालन पोषण कौन करेगा , क्योंकि बहुत से ऐसे भी मनुष्य धरती पर होते हैं जिनका या तो अपनों का साथ छूट जाता है या अपनों से बिछड़ जाते हैं निर्धन होतें हैं निःशक्त होते हैं यहाँ तक कि कभी कभी तो उनको खाने के भी लाले पर जाते हैं और इस भावना को समझते हुए कि ‘कोई भूखा ना सो जाये’ पंचलाइन के साथ बेगूसराय में साईं की रशोई भूखे लोगों के लिये रोज सदर अस्पताल के सामने खाना का स्टॉल लगाती है जिसमें मात्र 5₹ के शुल्क पर भोजन दिया जाता है सदर अस्पताल के सामने लगभग छः महीने से ये सिलसिला दिन दूना रात चौगुना सेवा में बढ़ते जा रहा है मुख्य तौर पर टीम के संयोजक अमित जायसवाल के सार्थक पहल पर ये काम अपने लक्ष्य की ओर मजबूती से बढ़ रहा है ताकि कोई भूखा न सो जाये।सदर अस्पताल के पास रशोई की स्थापना पर उन्होंने बताया कि शहर में सबसे ज्यादा आर्थिक रूप से निशक्तजनों का होता है और अस्पताल में जो खाना मिलता है वो समुचित नहीं होता है इसीलिये हमलोग इस जगह को चुने ताकि उन्हें समुचित भोजन मुहैया हो सके।

बेगूसराय के वर्तमान और पूर्व मेयर भी आ चुकें हैं साई की रशोई में

बड़े बड़े धनवान और राजनीतिक कद बाले व्यक्ति आम आदमी बनकर आ चुके हैं रशोई में अमित जायसवाल ने बताया कि यहां जब भी कोई व्यक्ति आते हैं तो वो आम आदमी बनकर आते हैं क्योंकि यहां आने के बाद क्या अमीर क्या गरीब सब फर्क मिट जाता है। सभी सेवार्थ भाव में लीन हो जाते हैं।

नये साल का आगाज करते हैं लोगों की सेवा से
बातचीत लम्बी खिंच गयी उन्होंने बताया कि हमलोग समाज के उस इंसान तक पहुचने की कोशिश करते हैं जहां जरूरत होती है बच्चे बूढ़े क्या नौजवान जहां भी हमारी टीम को लगता है वहाँ कुछ नहीं से बरिहा थोड़ा कुछ भी लेकर पहुचने का प्रयास करते हैं और अपनी खुशियां बांटते हैं।

लगातार कई सालों से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी काम जारी है साई की रशोई शुरू करने का आइडिया साझा करते हुए बताया कि दिल्ली मुम्बई जैसे बड़े शहरों में ये चीज देखकर लगा कि अपना बेगूसराय का नाम भी रास्ट्रीय स्तर पर हो इसीलिए इसे शुरू किया उन्होंने कहा जल्द ही हमलोग दूसरी शाखा भी खोलने को लेकर प्रतिबद्धता से लगे हुए हैं। उन्होंने ने इस अवार्ड का श्रेय अपनी टीम और सहयोगियों को सौंपते हुए कहा कि उनके बिना ये कभी भी संभव नहीं हो पाता।