दुःखद : लोकडॉवन में टला दलित परिवार के बेटी की शादी,अब अगलग्गी में सबकुछ जल गया

चेरियाबरियारपुर : तिनका तिनका जोर के कोई गरीब परिवार अपने बेटी की शादी करने का सपना देखता है। लेकिन एक झटके में गरीब मजदूर परिवार के द्वारा घर में बेटी की शादी के लिए जमा किये गये पलंग, बिस्तर, पैसा, गहना सबकुछ जल जाये तो क्या होता है ?, ये उस पीड़ित परिवार के अलावा कोई भी नहीं समझ सकता है। बीते शनिवार बेगूसराय जिले के चेरियाबरियारपुर प्रखंड अंतर्गत बिक्रमपुर पंचायत में कोरजाना गांव में वार्ड नम्बर एक में अगलग्गी में कोरजाना निवासी शिवू पासवान एवं उनके दोनों बेटे का घर जलकर राख हो गया। घर ऐसा जला मानों पूरी जिंदगी ही तबाह हो गई। बताते चलें उक्त परिवार में बेटी की शादी होने बाली थी, लेकिन 21 दिन के लोकडॉवन के कारण शादी टल गयी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

वाह रे सिस्टम :आग बुझने के बाद पहुँचा दमकल लेकिन नहीं था उसमें पानी …

जब द बेगूसराय ने शिवू जी से बात की तो उन्होंने बताया शनिवार को जब घर के सभी लोग गेंहू काटने खेत गये थे। खेत पर ही खबर मिली कि घर में आग लग गयी दौरा दौरा घर पहुंचा लेकिन तब तक सबकुछ जलकर घर खाक हो गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार धु धु कर लपटें उठी तो गांव बाले को पता चला कि आग लग गया है । जिसके बाद ग्रामीणों ने उक्त जगह पहुंच आनन फानन में आग पे काबू पाया, जिसके बाद दमकल का एक छोटा गाड़ी पहुचा जिसमे पानी ही नही था. दमकल कर्मी ने इस बात की सूचना अपने वरीय पदाधिकारी को दी। तुरन्त बाद बड़ी गाड़ी मौके पर पहुंची लेकिन तब तक आग पे काबू पा लिया गया था।

धन्य हैं सीओ साहेब : कोरोना में कुछ भी नहीं मिलेगा.. खाये को भी नहीं मिलेगा

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मौके पर पहुंचे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस बात की सूचना की देने के लिये चेरियाबरियारपुर अंचलाधिकारी राजीव रंजन चक्रवर्ती को फोन लगाया तो उन्होंने कर्मचारी को भेजने की बात कही जब काफी देर के बाद भी कर्मचारी नहीं पहुंचे तो दुबारा फोन करने पर सीओ साहेब एकदम से झल्ला गये । सुनिए क्या कहा सीओ साहेब ने

क्या गांव के प्रतिनिधियों की भी संवेदना मर गयी ?

विश्वस्त सूत्रों की मानें तो गाँव के कुछ प्रतिनिधि महोदय को ग्रामीणों और बजरंगियों ने बोला गया कि अंचलाधिकारी से इस गरीब परिवार को वाजिब मुआवजा दिलवाया जाय तो, ग्रामीण नेताजी बोले CO साहब मेरा खेत जोत लिए हैं या आयर तोर दिए है कि उनसे मेरा दुश्मनी है,, हा तकलीफ जरूर है तरह से नही बोलना चाहिए , खैर कोई बात नही। मतलब आप साफ समझ सकते हैं अफसरशाही का सेटिंग निचे तक मजबूती से पाया जाता है।

एक तो ये कोरोना में लोकडॉवन से रोजाना मजदूरी मारी जा रही है दूसरा ये अफसर साही रबैया जिसका घर जला सभी व्यक्ति मजदूर आदमी हैं जिस समय आग लगा उस समय सब गेंहू काटने गए हुए थे। अब बेटी की शादी कैसे होगी ये तो शिवू पासवान को नहीं पता लेकिन इस घटना के बाद से अफसरशाही रवैये से कोरजाना ग्रामवासियों में रोष जरूर भर गया है। इस पूरे घटनाक्रम पर जब चेरियाबरियारपुर अंचलाधिकारी को फोन लगाकर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन उठाना वाजिब नहीं समझा।