बेगूसराय के जयमंगला गढ़ और कावर झील को विश्वप्रसिद्ध पर्यटक स्थल बनाने को लेकर सदन में उठा मांग

न्यूज डेस्क, बेगूसराय : बेगूसराय जिला जल्द ही पर्यटन का हब बनेगा। इसके लिए अब जनप्रतिनिधियों ने भी आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया है। पिछले विधानसभा चुनाव में जिले में पर्यटन के विकास का भी मुख्य मुद्दा छाया था। जिसके बाद इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया गया। इसी कड़ी में बिहार का एकमात्र रामसर साइट व विश्वप्रसिद्ध मीठे पानी का झील कावर झील और जयमंगलागढ़ मंदिर का पर्यटन के दृष्टिकोण से विकास किये जाने की आवाज बिहार विधानसभा में उठाया गया।

बुधवार को बेगूसराय सदर विधायक कुंदन कुमार ने ध्यानाकर्षण प्रश्न के माध्यम से विधानसभा में कावर झील पक्षी विहार एवं जयमंगलागढ़ मंदिर के उत्थान एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया। सदन में सम्बोधन के दौरान सदर विधायक ने कहा कि बिहार सरकार पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्पित हैं। पर्यावरण के लिए उसके कारकों को सुरक्षित रखा जाना जरूरी है। जिसमें झील , वन्य प्राणी , पक्षी आदि है। इसी तरह की एक विश्व प्रसिद्ध झील बेगूसराय जिले में है। बिहार सरकार के पर्यावरण जल एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वारा 1989 में पक्षी विहार का दर्जा दिया गया । इसका कुल क्षेत्रफल 63 वर्ग किमी विस्तार लिए हुए है।

यहां लाखों प्रवासी पक्षी प्रतिवर्ष आते हैं । भू जलस्तर नीचे जाने के कारण यह झील जलसंकट से जूझ रही है। जल संकट की कमी से जूझ रही है। बिहार के बेहतरीन पर्यटक स्थलों में इसका शुमार हो सकता है। परन्तु पर्यटकीय विकास नहीं हो सकने के कारण यह उपेक्षित है। पाल वंश में स्थापित इस झील के जिकत स्थित मंदिर जयमंगलागढ़ के नाम से प्रसिद्ध है। कावर झील और जयमंगलागढ़ को विकसित किए जाने की आवश्यकता है। जिससे यह पर्यटन की दृष्टिकोण से विश्व के मानचित्र पर स्थापित होगा। जयमंगला गढ़ और कावर झील का पर्यटकीय दृष्टिकोण से विकसित किए जाने की सरकार से मांग करता हूँ।