बिहार की राजनीतिक में प्रशांत किशोर की एंट्री! कहा सीएम नीतीश हैं पिछलगगू

बिहार की राजनीति बिल्कुल गरमा गई है कारण है प्रशांत किशोर- जी हां जेडीयू ने प्रशांत किशोर को बाहर का रास्ता दिखा दिया और उसके बाद पहली बार प्रशांत किशोर सामने आए और मीडिया से मुखातिब हुए उन्होंने तमाम सवालों के जवाब दिए साथ ही साथ उन्होंने इशारों इशारों में सीएम नीतीश कुमार पर हमला भी बोला है हालांकि प्रशांत किशोर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम नीतीश को पिता तुल्य कहा और यह भी कहा जेडीयू पार्टी में रखना सीएम नीतीश का अधिकार है पार्टी में रखना या निकालना पूरी तरह से उनका अधिकार है मैं उनके फैसले का सह्रदय सम्मान करता हूं…

इतना ही नहीं प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि सीएम नीतीश कुमार पिता तुल्य है उन्होंने कहा कि मैं सीएम नीतीश कुमार का दिल से सम्मान करता हूं और हमेशा करता रहूंगा, हम दोनों के बीच सिर्फ दो मुद्दों को लेकर मतभेद है बाकी सीएम नीतिश मुझे अपने बेटे की तरह प्यार करते थे और मैं भी उन्हें अपने पिता की तरह सम्मान देता हूं हालांकि मतभेद के सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि यह मतभेद आज का नहीं है यह मतभेद तब हुआ जब लोकसभा चुनाव चल रहा था और यह मतभेद है लोहिया गांधीजी की विचारधारा और गोडसे की विचारधारा जी हां प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया है कि लोहिया गांधीजी और गोडसे एक साथ नहीं रह सकते जो इंसान लोहिया और गांधीजी के पथ पर चलता हो वह कभी भी गोडसे को सपोर्ट नहीं करेगा लेकिन सीएम नीतीश एक तरफ गांधीजी और लोहिया के पद चिन्हों पर चलने की बात करते हैं तो दूसरी तरफ गोडसे की विचारधारा का सम्मान करते है मुझे समझ में नहीं आता कि जब गोडसे की विचारधारा गांधीजी और लोहिया से बिल्कुल अलग है ये दो किस्म के लोग हैं तो दोनों एक विचारधारा में कैसे हो सकते हैं

मैं इसी बात से विफल हूं और यही वह मुद्दे हैं जो हमारे और नीतीश कुमार के बीच मतभेद जारी करते हैं । प्रशांत किशोर ने इशारों इशारों में कह दिया कि नीतीश कुमार का बीजेपी में जाना कहीं से भी उचित नहीं था प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार का बीजेपी से गठबंधन बिल्कुल पसंद नहीं है उन्होंने इशारों इशारों में यह भी कह डाला कि नीतीश कुमार बीजेपी के पिछलगगू है प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार 10 हजार करोड़ के नेता है लेकिन बीजेपी वाले नीतीश कुमार को मैनेजर के तौर पर ट्रीट कर रहे हैं नीतीश कुमार बीजेपी के मैनेजर बन के रह गए है

प्रशांत किशोर यहीं नहीं रुके उन्होंने यहां तक कह डाला कि एक तरफ नीतीश कुमार एनआरसी एनपीआर और सी ए ए का समर्थन करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ से वह इसे बिहार में लागू नहीं करना चाहते हालांकि उनकी इस बात से मैं भी सहमत हूं किसी भी कीमत पर बिहार में एनपीआर एनआरसी और सी ए ए लागू नहीं होना चाहिए मैं किसी भी कीमत पर बिहार में इसे लागू नहीं होने दूंगा

वही शराबबंदी पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि क्या बिहार में पूर्ण शराबबंदी है? उन्होंने हंसते हुए कहा कि मुझे तो कहीं से नहीं लगता कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी है क्योंकि अगर पूर्ण शराबबंदी होती तो आए दिन इतनी शराब बरामद नहीं की जाती आए दिन इतने लोगों की गिरफ्तारी नहीं होती यह सिर्फ कागजी बातें हैं जमीनी हकीकत कुछ भी नहीं वही एक सीएम बनने के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि वह एक आम इंसान है एक आम जाति से आते हैं उनके पास कोई पार्टी नहीं तो उनके लिए सीएम बनना बड़ी चुनौती होगी अभी वह इस बारे में नहीं सोच सकते क्योंकि यह बहुत ऊपर की चीज है हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा है कि कुछ दिनों में वह बिहार कैंपेन शुरू करेंगे और बिहार के कई गांवों का दौरा करेंगे और लोगों से बातचीत करेंगे । कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि जब से जेडीयू से प्रशांत किशोर को बाहर निकाला गया है उसके बाद पहली बार प्रशांत किशोर मीडिया के सामने आए और अपनी बातों को रखा और इशारों इशारों में सीएम नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला।