मंझौल / चेरियाबरियारपुर : विश्व व्यापी महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच राज्य सरकार द्वारा 31 जूलाई तक लॉकडाउन की घोषणा के बाद स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड में आ गई है. उक्त क्रम में गुरुवार को 10 बजते ही बीडीओ कर्पूरी ठाकुर, सीओ राजीव रंजन चक्रवर्ती के साथ मंझौल ओपीध्यक्ष सुबोध कुमार के नेतृत्व में पुलिस बल ने मंझौल बस स्टैंड स्थित सत्यारा चौक पर बेवजह सड़कों पर मटरगश्ती करने वाले युवकों की जमकर खबर ली.
इस दौरान मनचले युवकों पर लाठियां चटकाकर घर में रहने एवं बहुत जरूरी काम होने पर ही मास्क लगाकर बाहर निकलने की हिदायत दी गई. साथ ही बिना हैलमेट एवं मास्क लगाए मोटरसाइकिल सवारों का चालान काटकर जुर्माने के राशि की वसूली की गई. इस दौरान प्रशासन के सख्त तेवर को देखते हुए चौक के आसपास दुकानदारों मे हड़कंप मच गया. प्रशासन की सख्ती को देखते हुए दुकानदार अपनी अपनी दुकानों को बंद कर इधर उधर भागते दिखे. जबकि प्रशासनिक अधिकारियों का दल मंझौल चट्टी रोड बाजार, बखरी रोड एवं बस स्टैंड में घुमकर दुकानों को बंद कराते हुए सरकार के गाइड लाइन के अनुसार सुबह 6 बजे 10 बजे दिन तक एवं 4 बजे से शाम 7 बजे तक ही दुकान खोलने की हिदायत दी. इस दौरान बिना मास्क लगाए दुकान पर बैठे दुकानदारों से भी जुर्माने की राशि वसूल की गई.
सडक़ों पर पसरा सन्नाटा एवं बाजारों में छाई वीरानी प्रशासन के सख्त तेवर को देखते हुए बाजारों के बंद होने से चहुंओर वीरानी छा गई. प्रशासनिक अधिकारियों के दल की गश्ती के दौरान जो लोग जहां थे. वहीं किसी तरह दुबकते हुए प्रशासन की नजरों से बचते दिखे. इस दौरान मंझौल बस स्टैंड मे एक भी गाड़ियां नजर नहीं आई. अलबत्ता सड़कों पर इक्का दुक्का ई रिक्शा का परिचालन होते दिखा. जबकि स्टेट हाइवे पर बसों का परिचालन बिल्कुल ठप रहा. फलतः लंबी दूरी की यात्रा करने-वाले मुसाफिर बस स्टैंड के आस-पास इधर उधर ताकझांक कर गाड़ियों के परिचालन संबंधी जानकारी लेते दिखे.
इस दौरान कई मुसाफिर गाड़ियों के नहीं चलने से परेशान दिखे. साथ ही मालवाहक गाड़ियों को छोड़कर सवारी गाड़ी नहीं चलने के फलस्वरूप सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. सूत्रों की मानें तो बाजारों में फुटपाथ पर रेड़ी लगाकर चाट, गोलगप्पा, लिट्टी समोसा, छोला भटुरा, चाय बिस्किट आदि तरह की दुकान चलाने वालों में मायूसी छाई रही. ऐसे दुकानदारों मे हरेराम कुमार, रंजीत कुमार, अरूण पासवान सहित अन्य ने बताया लॉकडाउन की मार हम फुटपाथी दुकानदारों को ही सबसे अधिक झेलनी पड़ रही है. जिससे हमलोगों के बाल-बच्चों के समक्ष भुखमरी की समस्या एक बार