कोरोना वायरस को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी चिंतित,आखिर क्यों कहा 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाने की बात..

नई दिल्ली : कोरोना वायरस को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी चिंतित, आखिर क्यों कहा 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाने की बात.. कोरोना वायरस लगातार विश्व को प्रभावित कर रहा है भारत में भी यह तेजी से बढ़ता जा रहा है लोगों में इस बार इसको लेकर काफी डर है यही बचा है पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना को लेकर देश को संबोधित किया…
संबोधन की ख़ास बातें…

  1. प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है.
  2. अभी तक विज्ञान, कोरोना महामारी से बचने के लिए, कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है.
  3. भारत पर कोरोना का प्रभाव नहीं पड़ेगा, ये सोचना गलत है.
  4. संकल्प लेना होगा कि हम खुद भी संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे.
  5. एक ही मंत्र काम आएगा, हम स्वस्थ, तो जगत स्वस्थ.
  6. आने वाले कुछ वक्त तक अगर बहुत जरूरी न हो, तो घर से बाहर न निकलें. हो सके, तो घर पर बैठकर ही अपना काम करें.
  7. परिवार में जो भी 60-65 की उम्र से ज्यादा वाले व्यक्ति हैं, वो आने वाले कुछ वक्त तक घर से बाहर न निकलें.
  8. जरूरी सेवाओं में लगे लोग ही घर से बाहर निकलें.
  9. पीएम मोदी ने किया जनता कर्फ्यू का अनुरोध.
  10. जनता कर्फ्यू मतलब जनता पर लगाया गया, जनता का कर्फ्यू.इस जनता कर्फ्यू के दौरान कोई भी नागरिक घर से बाहर न निकलें, न ही मोहल्ले और सड़क पर जाएं. अपने ही घर में रहें. ये जनता कर्फ्यू 22 मार्च को रहेगा.
  11. 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता-कर्फ्यू का पालन करना है. इस दिन कोई भी अपने घर से बाहर न निकलें. इस रविवार जनता कर्फ्यू का पालन जरूर करें.
  12. संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए.
  13. रविवार को ठीक 5 बजे, हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बाल्कनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें
  14. पीएम मोदी ने देशवासियों से अनुरोध किया कि जरूरी सामान का संग्रह न करें. दूध, दही समेत रोजमर्रा की जरूरी चीजों की सप्लाई कभी बंद नहीं होगी.
  15. पीएम ने कहा कि घबराकर खरीददारी करने की जरूरत नहीं है. दूध, दवा जैसी चीजों की कमी न होने पाए, इसकी पूरी तैयारी है.
  16. संकट के इस समय में आपको ये भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं पर, हमारे अस्पतालों पर दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है. इसलिए मेरा आपसे आग्रह ये भी है कि रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं उतना बचें.