सिमरिया गंगा घाट पर नहीं दिखा कोरोना का भय, सरकार की नीतियों के हवाले आमलोग अपनी जिम्मेदारियों पर डाल रहे पर्दा

न्यूज डेस्क : बेगूसराय में कोरोना को लेकर तमाम पाबंदियों के बीच सिमरिया गंगा घाट पर विभिन्न मांगलिक कार्यक्रमों को ले शुक्रवार को करीब एक लाख लोगों की भीड़ जुटी। भीड़ का आलम यह था दो गज की दूरी तो दूर गयी मास्क लगाने बाले भी गिने चुने लोग ही दिख रहे थे। इसी क्रम में एक बड़ा हादसा भी हो गया, जिसमें छह युवक गंगा में स्नान के क्रम में डूब भी गए। बताया जाता है ये लोग मुंडन संस्कार में शामिल होने को आये थे।

ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि इतनी भीड़ जुटने पर महामारी को कितना काबू किया जा सकता है ? एक तरफ जहां स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति भी बहुत ठीक नहीं कही जा सकती है, वहीं दूसरी तरफ लोगों की लापरवाही से कोरोना से कितना कारगर जंग लड़ा जा सकता है ? बेगूसराय में कोरोना के एक्टिव केस के आंकड़े लगभग एक हजार तक पहुंच गए हैं। बावजूद लोग चेतने के लिए तैयार नहीं है। हालांकि जिले में उपलब्ध संसाधन और मौजूदा हालात में जिला प्रशासन के आला अधिकारी अलर्ट मोड पर और कोरोना को लेकर गम्भीर तो दिख रहे है। परन्तु अनुमंडल मुख्यालय , प्रखण्ड मुख्यालय, नगर निकाय व ग्रामीण स्तर पर अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की अपने फर्ज से कन्नी कटाने की आदत और लोगों की लापरवाही गम्भीर संकट की ओर इशारा कर रहे हैं।

बेगूसराय सम्पूर्ण जिले में अभी भी ऐसे हालात हैं कि एक तरफ अधिकांश दुकानदार प्रोटोकॉल का पालन करना अपने रसूख के खिलाफ समझते हैं तो लोग मास्क लगाना अपनी शान ओ शौकत से जोड़ने लगते हैं। फलतः खामियाजा यह है रोज पॉजिटिव मरीजों के आंकड़ों में गजब का उछाल जारी है। जब शुक्रवार को हमारे एक सहयोगी ने तेघड़ा से वीरपुर तक जायजा लिया तो तमाम प्रसाशनिक दावे चौंका रहे थे । कई वाहनों, दुकानों व सड़कों पर लोग कोविड प्रोटोकॉल में नहीं दिख रहे थे । ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि प्रशासन और सरकार की नीतियों के हवाले आम लोग अपनी जबाबदेही और जिम्मेदारी पर किस हद तक पर्दा डालेंगे ? बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों का बेखौफ होना नये संकट की ओर इशारा कर रहा है। सब लोग अपना अपना ध्यान रखें ।