बेगूसराय में एक अनार सौ बीमार , भाजपाई सुशील मोदी और गिरिराज सिंह को बता रहे जिम्मेदार

डेस्क : जिले में विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित दावेदार दलीय नेताओं पर लाल हैं। भाजपा में इसे लेकर राज्य भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी और बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ऐसे दावेदारों के निशाने पर हैं। बेगूसराय जिले में भाजपा को तीन सीटें मिलीं हैं। तीन टिकट बांट भी दिए गए। अब भाजपा में टिकटार्थियों की संख्या काफी अधिक थी। सीटें तीन थीं। भाजपा नेतृत्व ने एक सवर्ण,एक पिछड़े और एक दलित को उतारा। शेष दावेदार मुंह उदास किए बैठे हैं। विरोध में राग अलाप रहे हैं। कई दल से बागी बनकर इस्तीफा दे रहे हैं।कई भीतरघात की मंशा पाल सोशल मीडिया मेें सक्रिय हो गए हैं।


जिले में भाजपा को तीन सीटें बछवाड़ा, बेगूसराय और बखरी आरक्षित सीटें मिली हैं। इनमें से बखरी से रामशंकर पासवान भाजपा उम्मीदवार बन बैठे। इनपर गिरिराज सिंह का हाथ बताया जाता है। इधर टिकट कटने से आहत पूर्व विधायक रामानंद राम जाप में चले गए। बछवाड़ा में भाजपा ने अपने पूर्व विधायक सुरेन्द्र मेहता को टिकट दिया । वे बेगूसराय से चुनाव लडना चाहते थे। बछवाड़ा में पहले से भाजपाइयों ने लोकल फोर भोकल का अभियान चला रखा था। अब बाहरी उम्मीदवार से भाजपाई बौखलाए हुए हैं। कई दावेदार शिथिल पड़े हैं और की भीतरघात की ताक में हैं।

बेगूसराय से भाजपा ने नगरनिगम के चेयरमेन उपेन्द्र प्रसाद सिंह के पुत्र और युवा नेता कुंदन कुमार को मैदान में उतारा है। अब यहां से आधे दर्जन भाजपा के टिकट के दावेदार और उनके समर्थक लाल-पीले हैं। कई निर्दलीय तो कई दूसरे दल से उतरने की तैयारी में हैं।कुछ सांसद गिरिराज सिंह को इसके लिए उत्तरदाई ठहरा रहे हैं। भाजपाइयों का कहना है कि बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र में गिरिराज सिंह ने अपनी मर्जी के प्रत्याशी दे डाले हैं। तेघड़ा में भाजपाइयों ने जदयू के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। भाजपा के पूर्व विधायक ललन कुंवर लोजपा से उम्मीदवार बन बैठे हैं।एक भाजपाई ने बताया कि एक तो गठबंधन में बेगूसराय जिले में सीटों की संख्या कम हो गई,दूसरी एक एक सीट पर एक अनार सौ बीमार भाजपा को आगामी चुनाव में मुसीबत बनकर खड़ी होनेवाली है।