स्थापना दिवस पर एआईएसएफ के कार्यकर्ता ने क्यों कहा कि शिक्षा की वैज्ञानिकता समाप्त कर देगा नई शिक्षा नीति

डेस्क : इस मुल्क की आजादी से पहले 12 -13 अगस्त 1936 ईस्वी को देश को आजाद कराने के लिए एआईएसएफ छात्र संगठन की स्थापना की गई थी, आजादी की लड़ाई में एआईएसएफ के छात्र हिस्सा लिया और आजादी के बाद से लेकर अभी तक इसका अपना क्रांतिकारी संघर्षों का स्वर्णिम इतिहास रहा है, उस इतिहास को याद करके आज ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन देशभर में अपने संगठन का पचासी वां वर्षगांठ हमारा संगठन मना रहा है, उपर्युक्त बातें अपने संगठन के 85 वें स्थापना दिवस के मौके पर पटेल चौक स्थित अपने जिला कार्यालय पर झंडोत्तोलन के बाद एआईएफएफ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अमीन हमजा एवं जिला अध्यक्ष सजग सिंह ने संयुक्त रूप से कहा।

शिक्षा की वैज्ञानिकता समाप्त करेगा नई शिक्षा नीति उन्होंने कहा कि समान शिक्षा प्रणाली, शिक्षा की बेहतरी के लिए अभी तक हमारे संगठन में संघर्ष किया है। वर्तमान सरकार की नई शिक्षा नीति देश के छात्रों को आडंबर एवं अंधविश्वास की ओर धकेलने की साजिश है। नई शिक्षा में जो कादंबरी के 64 कलाओं को विश्वविद्यालय स्तर पर पढ़ने का प्रावधान दिया गया है वह पूरी तरह से शिक्षा की वैज्ञानिकता समाप्त करता है, अपने संगठन के 85 वां स्थापना दिवस के मौके पर हम लोग संकल्प लेते हैं कि नई शिक्षा नीति के विरोध में संघर्ष की नई रणनीति तैयार की जाएगी। ज्ञात हो कि अपने पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत आज दिनांक 12 अगस्त 2020 को ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन अपने 85 वें स्थापना दिवस के मौके पर अपने जिला कार्यालय पर झंडोत्तोलन किया। झंडोत्तोलन संगठन के जिला मंत्री किशोर कुमार ने किया मौके पर जिला कोषाध्यक्ष अमरेश कुमार, विश्वविद्यालय प्रतिनिधि आनंत कुमार, बसंत कुमार, एसबीएसएस कॉलेज छात्रसंघ कोषाध्यक्ष विपिन कुमार, प्रदुमन कुमार, देव कुमार इत्यादि सहित दर्जनों छात्र मौजूद थे।