जब भी कोई ऐसा मामला आता है जहां नवजात शिशुओं को इलाज के लिए दूसरे जिले में रेफर कर दिया जाता है तो ऐसे में माता-पिता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन इस समस्याओं को ध्यान में रखते हहुए बिहार के चुनिंदा सदर अस्पताल में अब पटना एम्स के चिकित्सकों के द्वारा विडिओ कंसल्टेशन के माध्यम से बीमारी से ग्रसित बच्चों का इलाज किया जायेगा. यानी अब बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल में नहीं लाया जाएगा यह निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
18 जिलों में की-ओस्क मशीन की हुई स्थापना
बिहार के बेगूसराय समेत 18 जिलों में वीडियो कंसल्टेशन के लिए की-ऑक्स मशीनों की व्यवस्था कर दी गई है, ताकि एम्स के चिकित्सक वीडियो कंसल्टेशन के द्वारा बच्चों का इलाज कर सके। सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार सिंह एवं सदर अस्पताल अधीक्षक डॉ संजय कुमार के नेतृत्व में इन मशीनों का उद्घाटन किया गया।
डॉक्टर करेंगे वीडियो कंसल्टेशन के द्वारा नवजात शिशुओं का इलाज।
सदर अस्पतालों में नवजात शिशुओं के वार्ड पीआईसीयू में कि-ऑक्स मशीनों को रखा गया है। जब कोई नवजात शिशु बीमार हो और सदर के चाइल्ड स्पेशलिस्ट उस बच्चों को बेहतर पटना रेफर करेंगे तो की-ओस्क के जरिए उस बच्चे का विडिओ कंसल्टेशन कराया जायेगा. इस प्रक्रिया में बच्चे को मशीन के एक तरफ रखेंगे वहीं मशीन के नीचे बच्चों के रिपोर्ट को रख कर मौजूद डॉक्टर के द्वारा उसकी सारी जानकारी विडिओ में माध्यम से पटना में बैठे डॉक्टर को दी जायेगी. फिर उसी हिसाब से डॉक्टर बच्चे का इलाज करेंगे।